कोर्ट का बड़ा झटका
पिछड़ा जाति को आरक्षण देने के मामले में मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट ने कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका दिया। सरकार ने 27 फीसदी आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा- कि शिक्षण संस्थानों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं होना चाहिए। सरकार के इस फैसले पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है। तीन मेडिकल छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रीपीजी काउंसलिंग में नए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लागू किया जाए। हाईकोर्ट ने 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण न होने का उल्लंघन पाया और काउंसलिंग में इसके लागू होने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और डीएमई को भी नोटिस जारी किया है।
पिछड़ा जाति को आरक्षण देने के मामले में मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट ने कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका दिया। सरकार ने 27 फीसदी आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा- कि शिक्षण संस्थानों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं होना चाहिए। सरकार के इस फैसले पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है। तीन मेडिकल छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रीपीजी काउंसलिंग में नए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लागू किया जाए। हाईकोर्ट ने 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण न होने का उल्लंघन पाया और काउंसलिंग में इसके लागू होने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और डीएमई को भी नोटिस जारी किया है।
सरकार का बड़ा दांव
आपको बता दें कि 6 मार्च को मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया गया था कि मध्यप्रदेश में ओबीसी के लिए जो 14 फीसदी आरक्षण लागू है उसे बढ़ाकर 27 फीसदी किया जाए। इसे कांग्रेस का बड़ा दांव इसलिए माना जा रहा था क्योंकि मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 49 फीसदी है और ऐसे में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिलने की संभावना ज्यादा थी।