देश की आर्थिक राजधानी मुंबई किसान रेल संचालन में टॉप पर रही है. यहां से सबसे अधिक किसान रेल चलाई गई हैं. खास बात यह है कि कृषि उत्पादन में टॉप 10 में शामिल एमपी में भी रिकार्ड किसान रेलें संचालित हुईं.
एक्सपर्ट का मानना है कि एमपी में प्याज केला आलू अदरक लहसुन आम अनार संतरा जैसे फलों का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है. ये पूरे देश में सप्लाई किया जाता है इसलिए यहां से किसान रेल का संचालन हुआ है. इधर किसान संघों ने सरकार द्वारा किसान रेल के किराए कम करने की मांग की है जिससे किसान की लागत कम होगी.
इन उत्पादों की होती है ढुलाई
किसान रेल में केला आलू अदरक प्याज लहसुन आम अंगूर अनार संतरा चीकू नींबू शिमला मिर्च पत्ता गोभी फूलगोभी सहित अन्य फलों तथा सब्जियों को भेजा गया. करीब 8 लाख टन फलों तथा सब्जियों की ढुलाई की गई.
किसान रेल में केला आलू अदरक प्याज लहसुन आम अंगूर अनार संतरा चीकू नींबू शिमला मिर्च पत्ता गोभी फूलगोभी सहित अन्य फलों तथा सब्जियों को भेजा गया. करीब 8 लाख टन फलों तथा सब्जियों की ढुलाई की गई.
पहले कृषि उत्पाद एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामान्य मालगाडि़यों से ले जाते थे. कई बार मालगाड़ी देर से पहुंचती थीं. सब्जियां और फल भी खराब होने लगते थे जिससे किसानों को नुकसान हो जाता था. किसानों को इस नुकसान से बचाने के लिए केन्द्र सरकार ने अगस्त 2020 में किसान रेल का संचालन शुरू किया. इन ट्रेनों में कृषि उत्पाद ही भेजे जाते हैं. इनसे माल समय पर पहुंचता है और किसानों का नुकसान नहीं होता है. केंद्र सरकार और भारतीय रेलवे के द्वारा देश के किसानो को लाभ पहुंचाने के लिए 7 अगस्त 2020 को योजना को पूर्ण रूप से शुरू कर दिया गया। इस योजना के अंतर्गत किसानों के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलायी जाती है जो सब्जी- फल या अन्य कृषि उत्पाद सुरक्षित ले जाती है. जल्दी खराब होनेवाले उत्पादों को किसान रेल सेवा के माध्यम से उनके गंतव्य स्थान अथवा मंडियों तक पहुंचाया जाता है। इससे जहां सब्जियों और फलों को ख़राब होने से बचाया जाता है वहीं किसानों को अच्छे दाम भी मिल जाते हैं. योजना का लाभ उठा उठाने के लिए ट्रेन को रजिस्ट्रेशन जरूरी है।