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भोपाल

पानी, पलायन और बेरोजगारी के बीच मुद्दा बनीं सांसद धुर्वे

– बैतूल संसदीय क्षेत्र : कांग्रेस कह रही भाजपा ने नकली आदिवासी को थोपकर असली का हक छीना- सात बार से जीत रही भाजपा के गढ़ में सेंध लगाना चाहते हैं कमलनाथ

भोपालApr 23, 2019 / 09:46 pm

anil chaudhary

Loksabha Chunav

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बृजेश चौकसे, बैतूल. मराठा और गोंड राजाओं के राज्य का हिस्सा रहा बैतूल जिला पानी, पलायन और बेरोजगारी की समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव में इन पर चर्चा कम ही हो रही है। ज्यादा चर्चा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के कारण चुनावी दंगल से दूर हुईं भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे की है। कांग्रेस जनता पर 10 साल तक नकली आदिवासी को थोपने का आरोप भाजपा पर लगा रही है। पिछले सात चुनावों से लगातार जीतती आ रही भाजपा इस बार भी संघ के सहारे किले को बरकरार रखना चाहती है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ यहां सेंध लगाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। वे अब तक आधा दर्जन सभाएं कर चुके हैं।
बैतूल के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मुख्यालय नागपुर से लगा होने के कारण यहां संघ की गहरी पैठ है। भाजपा ने संघ पृष्ठभूमि के आदिवासी शिक्षक दुर्गादास उइके को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से रामू टेकाम चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। भोपाल में पढ़े टेकाम को नाथ के टेके का भरोसा है। नाथ भी सभाओं में कह रहे हैं छिंदवाड़ा की तरह बैतूल का विकास करेंगे।
बैतूल में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले तेजूनाथ कहते हैं, शहर में पेयजल संकट है, जिसे भाजपा हल करने का दावा कर रही है। पावर प्लांट के कारण देशभर में ख्यात सारणी में बेरोजगारी और पलायन बड़ी समस्या है। शाहपुर के आत्मराम कहते हैं, 10 साल सांसद रहीं धुर्वे की शक्ल सिर्फ पोस्टरों में देखी है। कमलेश पूछते हैं – चुनाव बाद कर्ज माफ होगा कि नहीं? बस के इंतजार में बैठी ग्यारसी बाई कहती हैं, मोदी ने एक काम अच्छा किया, बुढ़ापे में सिर पर छत नसीब हो गई।
लोकसभा क्षेत्र के जिस बिचपुरी सेठ गांव को सांसद ने बिना देखे गोद लिया था, उस गांव की विकास योजनाओं का शुभारंभ वे हरदा से करके चली गईं। जिले में तीन रेलवे ओवरब्रिज स्वीकृत हैं, लेकिन उनकी नींव तक नहीं रखी जा सकी। परिवहन भी एक समस्या है। फिर भी मुद्दा सिर्फ मोदी हैं।
– इसलिए कांग्रेस मार रही जोर
लोकसभा क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्र (बैतूल, मुलताई, घोड़ाडोंगरी, आमला, भैंसदेही, हरदा, टिमरनी और हरसूद) में से पहले कांग्रेस के पास केवल हरदा सीट थी, लेकिन इस बार चार कांग्रेस और चार भाजपा के पास हैं। इस कारण लोकसभा चुनाव का मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है। यहां संघ की भी आदिवासी ग्रामीणों में गहरी पकड़ है। संघ प्रमुख खुद साल में दो-तीन दौरे करते हैं।
– वोटरों का गणित
कुल – 1718277
महिला – 887390
पुरुष – 830844
अन्य – 43
– जातिगत समीकरण
40.56 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति और 11.28 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है।
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– दुर्गादास उइके, भाजपा प्रत्याशी
– ताकत
गायत्री परिवार से लंबे समय से जुड़े हुए हैं।
शिक्षित और पेशे से शिक्षक है।
संघ में मजबूत पकड़।
बैतूल-हरदा और हरसूद लंबे समय से भाजपा का गढ़ है।
मृदुभाषी और मिलनसार।
सभी वर्गों में पकड़।
– कमजोरी
आदिवासी के जिस प्रधान वर्ग से आते हैं, इन वोटरों की संख्या कम।
आदिवासी संगठनों का विरोध।
शिक्षक संघ से जुडऩे के बाद भी कोई विशेष उपलब्धि नहीं।
समाजसेवा के नाम पर कोई उपलब्धि नहीं।
भाजपा के प्रभावी गुट की न पसंद।
संघ से जुड़े लेकिन भाजपा कार्यकर्ता से जमीनी स्तर पर पकड़ कमजोर।
– रामू टेकाम, कांग्रेस प्रत्यााशी –
– ताकत
आदिवासी विकास परिषद यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष।
कॉलेज छात्रावासों के छात्रों की टीम।
आदिवासियों के लिए विभिन्न संगठनों के माध्यम से काम किया।
सभी कांग्रेसी विधायकों की पसंद।

– कमजोरी
जिले में आदिवासी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कोई संपर्क नहीं।
अधिकांश समय भोपाल में ही रहे।
बैतूल में जनहित के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं।
कोरकू समुदाय भी टिकट नहीं मिलने से नाराज
– पिछले पांच चुनाव का रिजल्ट
2014
भाजपा 643651 वोट
कांग्रेस 315037 वोट

2009
भाजपा 334939 वोट
कांग्रेस 237622 वोट

2008
(वाय इलेक्शन) का रिजल्ट
भाजपा 300676 वोट
कांग्रेस 265234 वोट

2004
भाजपा 288007 वोट
कांग्रेस 130467 वोट
1999
भाजपा 272512
कांग्रेस 208040

– इनका कहना है
भाजपा ने जिले की जनता के साथ धोखा किया है। 10 साल तक नकली आदिवासी को सांसद बनाया। भाजपा ने वर्षों तक राज किया, लेकिन जिले की समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया। बेरोजगारी की वजह से पलायन है, पेयजल संकट है। कांग्रेस पार्टी सभी समस्याओं का निराकरण करेगी।
– रामू टेकाम, कांग्रेस प्रत्याशी
भाजपा ने 35 साल में जो अच्छे काम किए हैं उनके आधार वोट मांग रहे हैं। हम विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं और प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जो लोकलुभावन वादे कर जनता को भ्रमित किया है, जिससे वे जिले की चार सीटें जीती, हम उनकी यह भ्रमित बातें जनता के बीच उजागर करेंगे।
– डीडी उइके, भाजपा प्रत्याशी

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