लोकसभा क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्र (बैतूल, मुलताई, घोड़ाडोंगरी, आमला, भैंसदेही, हरदा, टिमरनी और हरसूद) में से पहले कांग्रेस के पास केवल हरदा सीट थी, लेकिन इस बार चार कांग्रेस और चार भाजपा के पास हैं। इस कारण लोकसभा चुनाव का मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है। यहां संघ की भी आदिवासी ग्रामीणों में गहरी पकड़ है। संघ प्रमुख खुद साल में दो-तीन दौरे करते हैं।
– वोटरों का गणित
कुल – 1718277
महिला – 887390
पुरुष – 830844
अन्य – 43
– जातिगत समीकरण
40.56 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति और 11.28 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है।
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– दुर्गादास उइके, भाजपा प्रत्याशी
– ताकत
गायत्री परिवार से लंबे समय से जुड़े हुए हैं।
शिक्षित और पेशे से शिक्षक है।
संघ में मजबूत पकड़।
बैतूल-हरदा और हरसूद लंबे समय से भाजपा का गढ़ है।
मृदुभाषी और मिलनसार।
सभी वर्गों में पकड़।
आदिवासी के जिस प्रधान वर्ग से आते हैं, इन वोटरों की संख्या कम।
आदिवासी संगठनों का विरोध।
शिक्षक संघ से जुडऩे के बाद भी कोई विशेष उपलब्धि नहीं।
समाजसेवा के नाम पर कोई उपलब्धि नहीं।
भाजपा के प्रभावी गुट की न पसंद।
संघ से जुड़े लेकिन भाजपा कार्यकर्ता से जमीनी स्तर पर पकड़ कमजोर।
– ताकत
आदिवासी विकास परिषद यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष।
कॉलेज छात्रावासों के छात्रों की टीम।
आदिवासियों के लिए विभिन्न संगठनों के माध्यम से काम किया।
सभी कांग्रेसी विधायकों की पसंद। – कमजोरी
जिले में आदिवासी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कोई संपर्क नहीं।
अधिकांश समय भोपाल में ही रहे।
बैतूल में जनहित के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं।
कोरकू समुदाय भी टिकट नहीं मिलने से नाराज
2014
भाजपा 643651 वोट
कांग्रेस 315037 वोट 2009
भाजपा 334939 वोट
कांग्रेस 237622 वोट 2008
(वाय इलेक्शन) का रिजल्ट
भाजपा 300676 वोट
कांग्रेस 265234 वोट 2004
भाजपा 288007 वोट
कांग्रेस 130467 वोट
भाजपा 272512
कांग्रेस 208040 – इनका कहना है
भाजपा ने जिले की जनता के साथ धोखा किया है। 10 साल तक नकली आदिवासी को सांसद बनाया। भाजपा ने वर्षों तक राज किया, लेकिन जिले की समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया। बेरोजगारी की वजह से पलायन है, पेयजल संकट है। कांग्रेस पार्टी सभी समस्याओं का निराकरण करेगी।
– रामू टेकाम, कांग्रेस प्रत्याशी
– डीडी उइके, भाजपा प्रत्याशी