प्रदर्शनी में सीहोर जिले के मानपुरा गांव की शासकीय माध्यमिक शाला में आठवीं कक्षा में पढऩे वाले आर्यन मेवाड़ा ने अपने पिता को खेत में काम करते देख छिड़काव मशीन से होने वाली समस्या को पहचानकर उसका समाधान करने की सोची। आर्यन ने जो प्रोजेक्ट बनाया है उसके तहत पेस्टीसाइड डालते समय हाथ का मैनुअल पावर यूज की जगह चलते वक्त पैर से जो पावर जेनरेट होता है उससे ही प्रेशर पड़ता है और पेस्टीसाइड का छिड़काव किया जा सकता है।
आर्यन ने बताया कि एक बार मेरे पापा खेत में दवा छिड़क रहे थे, थोड़ी देर बाद उनके हाथों में दर्द होने लगा जिसके बाद वो रुक गए, मैंने महसूस किया कि मशीन को हाथ से चलाने के कारण ही उनके हाथों में दर्द हो रहा है। तभी मेरे दिगाम में आइडिया आया कि जिस तरह ब’चों के शूज में प्रेशर पडऩे पर सीटी में आवाज आती है वैसे ही बड़े जूतों में भी चलने पर जेनरेट होने वाले प्रेशर से पेस्टीसाइड मशीन का भी छिड़काव किया जा सकता है। आर्यन ने यह आइडिया अपने टीचर ओम चौधरी को बताया, जिसके बाद फुट स्प्रे पम्प प्रोजेक्ट तैयार हुआ।
60 ब’चों को मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान
कॉम्पीटिशन को जज करने दिल्ली से आईं नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) के डिपार्टमेंट ऑफ वैल्यू एडिशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट की साइंटिस्ट डॉ. नुपुर सोनी ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट लेवल प्रोजेक्ट कॉम्पीटिशन (डीएलपीसी) के लिए देश भर से 1 लाख ब’चों को चयनित किया गया है। इनमें हर ब’चे को प्रोजेक्ट बनाने के लिए 10 हजार रुपए दिए जाते हैं। इनमें से स्टेट लेवल प्रोजेक्ट कॉम्पीटिशन (एसएलपीसी) में 10 हजार ब’चे चयनित किए जाएंगे। 2 दिन की मेंटर वर्कशॉप एनआईटी, आईआईटी के साथ होगी। जिसमें एक्सपर्ट्स ब’चों के प्रोटोटाइप को और बेहतर बनाने के संबंध में मदद करेंगे। एसएलपीसी के बाद देश भर से 1000 ब’चे सलेक्ट होंगे, जो नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की ओर से दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में होगी। इन स्टूडेंट की इंस्डट्री से जुड़े लोगों के साथ वर्कशॉप की जाएगी। जिसमें प्रोडक्ट को पेटेंट कराने संबंधी जानकारी व मदद की जाएगी। इस दौरान सभी एक हजार ब’चों को अपने मॉडल्स को मशीन का रूप देने के लिए 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इन ब’चों में से सलेक्ट 60 ब’चों को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
भोपाल क्लस्टर के 259 ब’चे हुए शामिल
डॉ. नुपुर सोनी ने बताया कि यह अवॉर्ड कक्षा 6 से 10वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए शुरू किया गया है। मप्र को 14 क्लस्टर बांटा गया है, इसमें जिला स्तर पर कुल 4895 ब’चे सलेक्ट हुए हैं। भोपाल क्लस्टर में भोपाल, रायसेन, सीहोर और राजगढ़ जिले के 393 स्टूडेंट सलेक्ट हुए हैं। बुधवार को हुई प्रदर्शनी में 259 ब’चे ही शामिल हुए। स्टेट लेवल कॉम्पीटिशन के लिए इनमें से 20 प्रतिशत स्टूडेंट सलेक्ट होंगे।