वही इंदौर के वार्ड नंबर 56 से युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति को टिकट दिया गया था। इन सभी उम्मीदवारों की पारिवारिक पृष्ठभूमि अपराधिक सामने आने के बाद भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए इन उम्मीदवारों की उम्मीदवारी को निरस्त कर दिया।
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मध्यप्रदेश में नगर निकाय चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए ही साख का सवाल बना हुआ है यही कारण है कि उम्मीदवारो के चयन को लेकर दोनों पार्टियों द्वारा लगातार सतर्कता बढती जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ तौर पर कहा था कि उनकी पार्टी किसी भी आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को चुनाव मैदान में नहीं उतारेगी आगे भी अगर किसी उम्मीदवार के संबंध में अपराधिक जानकारी सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के इस कदम के बाद कांग्रेस एक बार फिर से हमलावर हो गई है मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने कहा कि भाजपा की पोल खुल गई है इसीलिए उन्होंने अपने उम्मीदवारों का टिकट काट दिया है मगर कांग्रेस आने वाले समय में भाजपा के अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का ब्यौरा जारी करेगी।
इस मामले में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्य में सुचिता की राजनीति के लिए जरूरी है कि आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को चुनाव प्रक्रिया से दूर रखा जाए क्योंकि यह लोग राजनीतिक दलों के करीब बैठकर समाज में आतंक फैलाते हैं। भाजपा ने एक साथ सार्थक पहल की है मगर सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पार्टी उन लोगों पर भी कार्रवाई करेगी जिन्होंने उम्मीदवार तय करने में बड़ी भूमिका निभाई है।