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जानिए अपने महापौर प्रत्याशी को, पार्टी को होगा कितना नुकसान और कितना फायदा

locationभोपालPublished: Jun 14, 2022 04:41:31 pm

Submitted by:

Manish Gite

जानिए इस चुनाव में महापौर प्रत्याशियों को आखिर क्यों मिला टिकट…।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में नगर निगम के महापौर प्रत्याशियों में घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी महापौर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। हालांकि 16 में से 13 प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। इधर, भाजपा ने इस बार चर्चित चेहरों को टिकट नहीं देकर सभी को चौंकाया है। आइए जानते हैं किस प्रत्याशी को क्यों टिकट दिया गया…।

दो चरणों में होगा चुनाव

मध्यप्रदेश में नगर निगम के चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 जुलाई और दूसरा चरण 13 जुलाई को होगा। इसमें सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे। पहले चरण की मतगणना के परिणाम 17 जुलाई तक घोषित हो जाएंगे और दूसरे चरण के परिणाम 18 जुलाई को आएंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 347 नगरीय निकायों में चुनाव हो रहे है। इसमें 16 नगर पालिका निगम हैं, 76 नगर पालिका परिषद हैं और 255 नगर परिषद हैं।

 

भोपालः विभा पटेल से होगा मालती का मुकाबला

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भोपाल में विभा पटेल एक बार फिर कांग्रेस की तरफ से महापौर की प्रत्याशी हैं। एक बार वे कृष्णा गौर से हार गई थीं। पार्षद रह चुकी मालती राय का मुकाबला महापौर प्रत्याशी रही विभा पटेल से होगा। कांग्रेस ने कांग्रेस द्वारा भी उन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जा रहा है, जो जीतने की पूरी दम रखते हों। इस दौरान भाजपा की तरफ से महापौर पद के लिए विधायक कृष्णा गौर का नाम भी सामने आया था, लेकिन विधायक होने के कारण सहमति नहीं बन पाई। भाजपा ने इस बार पार्षद लेवल की मालती राय को बड़ा मौका दिया है।


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छिंदवाड़ा में सहायक आयुक्त को बनाया महापौर प्रत्याशी

 

छिंदवाड़ा नगर निगम में निगम से बाबू बने फिर सहायक आयुक्त बने अनंत धुर्वे को भाजपा ने महापौर प्रत्याशी बनाया है। महापौर उम्मीदवार अनंत धुर्वे की प्रोफाइल देखी जाए तो अस्सी के दशक में उनके पिता अमरलाल धुर्वे तत्कालीन नगर पालिका में कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के उपरांत उनके पुत्र अनंत को वर्ष 1989 में सहायक ग्रेड-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली। वर्ष 2006 में पदोन्नत होने पर सहायक ग्रेड-2 बने। उसके बाद से उन्होंने नगर पालिका से लेकर वर्ष 2015 में नगर निगम के गठन तक स्थापना शाखा और लेखापाल के पद संभाला। प्रभारी कार्यालय अधीक्षक भी रहे। इसी दौरान उन्हें सौसर सीएमओ का पद भी दिया गया लेकिन उन्हें वहां ज्वाइनिंग ना दिए जाने पर वापस मूल पद पर आ गए। वर्ष 2019 में सीनियर कर्मचारियों की सूची में सम्मिलित हो गया। वर्ष 2021 में राज्य शासन में उन्हें पदोन्नत कर ग श्रेणी के अधिकारी के रूप में सहायक आयुक्त नियुक्त किया। तब से वे लगातार नगर निगम में अपनी सेवाएं दे रहे थे। महापौर टिकट के बाद उन्हें शासन को अपना इस्तीफा देना पड़ेगा। धुर्वे का सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम अहाके के साथ होगा।

 

देवासः राजघराने के करीबी प्रत्याशी को मिला महापौर का टिकट

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देवास नगर निगम के लिए गीता अग्रवाल को टिकट दिया गया है। गीता विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता दुर्गेश अग्रवाल की पत्नी हैं। पूर्व मंत्री स्व. तुकोजीराव पवार व विधायक गायत्री राजे पवार के करीबी नेता हैं अग्रवाल। गीता गृहिणी है और पहली बार चुनावी मैदान में है। 49 वर्षीय गीता 11वीं तक शिक्षित हैं।

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बुरहानपुर में माधुरी पटेल का दोबारा मिला मौका

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भाजपा ने बुरहानपुर में माधुरी पटेल को टिकट दिया है। माधुरी को यह मौका 2010 के नगर निगम चुनाव में भाजपा से अतुल पटेल की पत्नी माधुरी पटेल और वर्तमान में कांग्रेस से घोषित उम्मीदवार शहनाज अंसारी आमने सामने थी। माधुरी पटेल ने लगभग 55 हजार मत लेकर लगभग साढ़े छ हजार मतों से जीत दर्ज कराई थी। इसी जीत के आधार और कार्यकाल में हुए काम के परफॉरमेंस पर माधुरी को यह टिकट मिला है। बुरहानपुर शहर में 55 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता है। माधुरी पटेल की दोनों समुदाय में बेहतर छवि है। इसका फायदा पहले भी मिला था। इनके पति अतुल पटेल भी पहले महापौर रह चुके हैं। इस बार भी माधुरी का मुकाबला शहनाज अंसारी से होगा।

 

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जबलपुरः सीएम के करीबी डा. जितेंद्र जामदार को मिला टिकट

राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जामदार को महापौर प्रत्याशी बनाया है। डॉ. जामदार को सीएम का करीबी माना जाता है। साथ ही वे संघ की पसंद भी बताए जा रहे हैं।

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खंडवाः ओबीसी बहू के सामने यादव बहू

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खंडवा में बीजेपी ने अमृता यादव को महापौर का टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस से आशा मिश्रा मैदान में है। बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए पूर्व विधायक हुकुमचंद यादव की पुत्रवधु अमृता यादव को मैदान में उतारा है। अमृता यादव पूर्व निगम अध्यक्ष रहे अमर यादव की पत्नी है। वह अशोकनगर की ग्राम पंचायत बिलाखेड़ी में सरपंच रह चुकी हैं। भाजपा ने बहुसंख्यक समाज को मद्देनजर रखते हुए फैसला लिया है। वहीं कांग्रेस की आशा शहर के दिग्गज नेता बल्ली मिश्रा की बहू है।

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कटनी की पूर्व पार्षद ज्योति दीक्षित को बनाया महापौर प्रत्याशी

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कटनी नगर निगम के अंबेडकर वार्ड की निवर्तमान पार्षद ज्योति दीक्षित दो बार पार्षद रह चुकी हैं। पति विनय दीक्षित पूर्व मंत्री व वर्तमान में विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक के करीबी हैं। संजय पाठक ने जब कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी उसी समय विनय दीक्षित भी भाजपा में शामिल हो गए थे। पाठक के करीबी होने का यह लाभ उन्हें मिला है।

 

सतना: योगेश ताम्रकार बने महापौर प्रत्याशी

 

योगेश ताम्रकार वर्तमान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। भाजपा प्रदेश संगठन व संघ में मजबूत पकड़ के कारण संघ के कोटे से इन्हें महापौर की टिकट मिली। योगेश शहर के प्रतिष्ठित कारोबारियों में शामिल हैं। यह पूर्व में विंध्य चेंबर ऑफ कॉमर्स व जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। व्यापारियों के बीच इनकी अच्छी पकड़ है।

 

उज्जैन में मुकेश टटवाल को मिला मौका

 

उज्जैन नगर निगम में महापौर प्रत्याशी के रूप में युवा नेता मुकेश टटवाल को मौका दिया गया है। भाजपा ने संगठन में सक्रीय सरल और निर्विरोध छवि के नेता के रूप में प्राथमिकता दी है। बैरवा समाज से होना बड़ा फेक्टर रहा। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य से नजदीकी का लाभ मिला। विधायक पारस जैन व सांसद अनिल फिरोजिया का भी समर्थन बताया जा रहा है।

 

सिंगरौली में चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को मिला मौका

 

चंद्र प्रताप विश्वकर्मा वर्ष 1990 से सक्रीय राजनीति में हैं। नगर निगम अध्यक्ष के अलावा भाजपा में मंडल अध्यक्ष, भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू किया था। 48 वर्षीय विश्वकरमा विधायक रामलल्लू वैश्य के करीबी माने जाते हैं।

 

 

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