सम्मेलन के मुख्य अतिथि सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन के नायक एवं जनता दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने अपने कहा, देश का संविधान खतरे में है, सभी किसान गंभीर विकट समस्या में है।
किसान आत्महत्या कर रहें है। इस दौरान गठबंधन को लेकर शरद यादव ने चुप्पी साधते हुए कहा, सम्मेलन के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। सम्मेलन में तीसरे मोर्चे पर फैसला किया जाएगा।
देश खतरे में है, बन रहा नफरत का माहौल
लोक क्रांति सम्मेलन कम्यूनिष्ट पार्टी के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने कहा, देश में दलित से लेकर तमाम मनूवाद का पालन नहीं करने वाले भी खतरे में है।
देश खतरे में है, नफरत का माहौल बनाया जा रहा, एक स्थाई नफरत की भावना देश में पनप गयी। जो नीतिओं का विरोध करते उन्हे ये भाजपा के भक्त नहीं छोडते।
यह केवल हिंदुत्व की बात नहीं पूरे समाज के खतरे की बात है। न्यायपालिका किस प्रकार डरी हुई है एस सी एसटी एक्ट का हश्र हो रहा। न्यायपालिका को भी सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। कश्मीर के मुस्लिम जजों के फैसलों को सरकार नहीं मान रही। भाजपा सरकार देश को नष्ट कर देगी।
उत्पदान में बढ़ोतरी फिर भी भूखमरी
संदीप दीक्षित बोले, मप्र में हर साल नाज उत्पादन में बेहताशा बढोतरी हो रही लेकिन भूखमरी बढ़ रही है। जुलानिया और शिवराज को खूब विकास दिख रहा, लेकिन यहां भूखमरी बढ़ी है।
राज्य स्तरीय लोक क्रांति सम्मेलन में फूल सिह बरैया, रास्ट्रीय अध्यक्ष बहुजन संघर्ष दल, गुलजार सिंह मरकाम, राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, मनमोहन सिह भट्टी राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी,
अली अनवर अंसारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुशीला मोराले राष्ट्रीय महासचिव लोकतांत्रिक जनता दल, बादल सरोज, मार्कस्वादी कम्यूनिष्ट पार्टी, अरविंद श्रीवास्तव सचिव कम्यूनिष्ट पार्टी, सरोज बच्चन पूर्व विधायक, महेश कुशवाह, कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित जनता दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद याद के सम्मेलन में शामिल हुए।