संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज पिछले एक महीने से इस प्रकरण को लेकर विभिन्न जिम्मेदारों से संपर्क कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल और विभाग के एसीएस जेएन कांसोटिया से पशुओं और गौवंश के लिए भूसे-चारे की उपलब्धता के लिए उपाय की मांग की। इस पर एसीएस ने 29 मार्च को सभी जिला कलेक्टर जो जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति के अध्यक्ष भी हैं, उनको भूसे की व्यवस्था करने, अन्य राज्यों में परिवहन और ईंधन के रूप में दुरुपयोग रोकने लिए कड़े कदम उठाने के लिए लिखा। संत अवधेशपुरी महाराज का आरोप है कि जिला प्रशासन और पुलिस अवैध भूसे का अवैध परिवहन रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रहे हैं।
प्रदेश के गौशाला संचालकों और पशुपालकों को महंगा भूसा-चारा खरीदना पड़ रहा है। भविष्य संकट के हालात दिखाई दे रहे हैं, इसलिए इस बारे में बार-बार विभागीय मंत्री और एसीएस से संपर्क किया, उन्हें जिलों की स्थिति बताई। इसके बाद सभी जिला कलेक्टरों के लिए आदेश निकाला गया। उन्होंने इस बारे में कागजी खानापूर्ति कर दी। पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। इसके चलते अभी भी अवैध परिवहन जारी है। अब मैं इस प्रकरण में मुख्यमंत्री से मिलकर उनके सम्मुख स्थिति को रखूंगा।
- डॉ. अवधेशपुरी महाराज, स्वस्तिकपीठाधीश्वर, उज्जैन
उज्जैन के डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने इस बारे में बात की थी... मैं भी मानता हूं कि प्रदेश में चारा-भूसा का संकट गहरा गया है। मैंने इस प्रकरण में अपनी बात रख दी है... अलग-अलग मंचों पर सरकार के सामने और क्या करूंगा। (यह पूछने पर कि आपने कहां-कहां बात रखी) अरे... कैबिनेट में रखी और पचमढ़ी में भी इस बारे में विस्तार से बताया था।
- प्रेम सिंह पटेल, मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी विभाग