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नागरिकता बिल पर अल्पसंख्यक मंत्री बोले- हिंदुस्तान तुम्हारे बाप का नहीं, हमारा बाल बांका नहीं कर सकते

locationभोपालPublished: Dec 12, 2019 04:21:50 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

Minority Minister said on citizenship bill – कांग्रेस ने राज्यसभा और लोकसभा में बिल का विरोध किया है।

नागरिकता बिल पर अल्पसंख्यक मंत्री बोले- हिंदुस्तान तुम्हारे बाप का नहीं, हमारा बाल बांका नहीं कर सकते

नागरिकता बिल पर अल्पसंख्यक मंत्री बोले- हिंदुस्तान तुम्हारे बाप का नहीं, हमारा बाल बांका नहीं कर सकते

भोपाल. नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभी से भी पास हो गया है। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में उग्र प्रदर्शन जारी है। इस उग्र प्रदर्शन में असम और त्रिपुरा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। असम में हालात बेकाबू हो गए हैं। वहां 10 जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। आगजनी और तोड़फोड़ की गई है। वहीं, दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में भी नागरिकता बिल का विरोध किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के मंत्री आरिफ अकील ने नागरिकता बिल को लेकर एक विवादित बयान दिया।
मध्य प्रदेश के अल्प संख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने विवादित बयान देते हुए कहा कि ‘कोई भी बिल पास कर लो कोई कानून बना लो, इसे बनाने में सभी बुजुर्गों का खून शामिल है। तुम्हारे बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है, इनके बाप भी हमारा बाल बांका नहीं कर सकते, हम यहां थे हम यहां मरेंगे भी तो यही दफन होंगे‌। बता दें कि कांग्रेस ने लोकसभा और राज्य सभा में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया है। इससे पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बिल के विरोध में बयान दे चुके हैंय़
वहीं, आरिफ अकील ने रेत खनन माफियाओं को लेकर भी उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के आने के बाद से खनन माफियाओं पर लगाम लगी है राज्य सरकार को पहले के मुकाबले ज्यादा रॉयल्टी मिल रही है। सीएम के इस एक्शन के लिए उनके फोटो की पूजा करनी चाहिए।
क्या कहा था सिंधिया ने
इससे पहले कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि नागरिकता संशोधन बिल संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है, भारतीय संस्कृति के विपरीत भी है। अंबेडकर जी ने संविधान लिखते समय किसी को धर्म, जात के दृष्टिकोण से नहीं देखा था।भारत का इतिहास रहा है कि हमने सभी को अपनाया है- वासुदेव कुटुंबकम भारत की विशेषता है।धर्म के आधार पर पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।

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