इसके अनुसार उत्तरप्रदेश के विधायक 12.90 लाख और बिहार के औसतन 9.70 लाख रुपए सालाना आय है। वहीं मप्र के विधायकों की सालाना आय 15.38 लाख है। विधायकों की सालाना आय में मध्यप्रदेश का नाम देश में 13वें नंबर पर है।
प्रदेश के विधायक राजस्थान से 42 हजार रुपए सालना पीछे हैं, उनकी 15.80 लाख है। एडीआर ने प्रदेश के कुल 230 विधायकों में से 168 के चुनावी हलफनामे का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। इनकी औसत वार्षिक आय 15.38 लाख रुपए है।
इस रिपोर्ट में विधायकों की वार्षिक आय, पेशा और शैक्षणिक योग्यता के बारे में ब्यौरा दिया गया है। दिलचस्प यह है कि मध्यप्रदेश से ही अलग राज्य बने छत्तीसगढ़ के 63 विधायकों के हलफनामे के अध्ययन में औसतन 5.40 लाख रुपए की वार्षिक आय सामने आई है।
कर्नाटक पहले और महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर
देशभर में विधायकों की खुद की औसत सालाना आय में कर्नाटक पहले नंबर पर है, यहां के विधायकों की सालाना आय 1.11 करोड़ रुपये है वहीं, महाराष्ट्र के विधायक दूसरे नंबर पर हैं, इनकी सालाना आय 43.40 लाख रुपए है। जबकि, देश के विधायकों की औसत सालाना 24.59 लाख रुपये है।
सबसे ज्यादा कमाने वाले में संजय पाठक देश में 9वें नंबर पर
देश के सबसे ज्यादा कमाने वाले 20 विधायकों में मध्यप्रदेश के मंत्री संजय पाठक भी शामिल हैं। उन्होंने अपनी सालाना आय 8.94 करोड़ घोषित की है और वे देश में 9वें नंबर पर हैं।
सबसे कम आय में उमा खटीक दूसरे नंबर पर एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, वार्षिक आय के मामले में सबसे पीछे प्रदेश की विधायक उमादेवी खटीक हैं, उन्होंने मात्र 3134 हजार रुपए की सालाना आय बताई है और वे सबसे कम कमाई वाले विधायकों में देश में दूसरे नंबर पर हैं।