वहीं सूत्रों की माने तो उन्होंने अपनी तरफ से परीक्षाएं सही समय से शुरू हुईं या नहीं यह तक पता लगाने की कोशिश नहीं की, इसके अलावा न ही यह जानने में दिलचस्पी दिखाई कि कहां क्या परेशानी आ रही है। इसमें भी सबसे अधिक चौंकाने वाली बात तो यह सामने आई है कि जब उन्हें बताया गया कि सर्वर ठप हो गया है, तो उन्होंने परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से साफ इंकार कर दिया। इसका कारण उन्हें केंद्रों पर आखिर हो क्या रहा है इसका पता ही नहीं होना बताया जा रहा है।
फोन रिसीव करना बंद किया
परीक्षा केंद्रों ने जब डायरेक्टर सीएम ठाकुर को तकनीकी दिक्कतें बतानी शुरू की तो उन्होंने पहले तो समस्या दुरुस्त करने की बात कही और फिर बाद में फाेन रिसीव करना ही बंद कर दिया। इतने बड़े मामले में इस तरह की लापरवाही ने सभी को चौंका दिया। इसके बाद केंद्रों ने तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी से संपर्क साधा। राज्यमंत्री ने केंद्रों और मीडिया से बात की और मामले को संभालने की कोशिश की। ऐसे में कहा जा रहा है कि यदि राज्यमंत्री भी फोन रिसीव नहीं करते तो स्थिति और खराब हो सकती थी।
परीक्षा केंद्रों ने जब डायरेक्टर सीएम ठाकुर को तकनीकी दिक्कतें बतानी शुरू की तो उन्होंने पहले तो समस्या दुरुस्त करने की बात कही और फिर बाद में फाेन रिसीव करना ही बंद कर दिया। इतने बड़े मामले में इस तरह की लापरवाही ने सभी को चौंका दिया। इसके बाद केंद्रों ने तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी से संपर्क साधा। राज्यमंत्री ने केंद्रों और मीडिया से बात की और मामले को संभालने की कोशिश की। ऐसे में कहा जा रहा है कि यदि राज्यमंत्री भी फोन रिसीव नहीं करते तो स्थिति और खराब हो सकती थी।
परीक्षा के पहले दिन यह रही स्थिति :
परीक्षा के पहले दिन प्रदेशभर के सभी 85 सेंटरों पर अभ्यर्थियों का आधार से वेरिफिकेशन करने में परेशानी आई। इस वजह से पहली शिफ्ट में हजारों उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे पाए।
परीक्षा के पहले दिन प्रदेशभर के सभी 85 सेंटरों पर अभ्यर्थियों का आधार से वेरिफिकेशन करने में परेशानी आई। इस वजह से पहली शिफ्ट में हजारों उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे पाए।
ऐसे में केवल भोपाल में ही 9052 में से 4107 लोग परीक्षा से वंचित रह गए। नाराज अभ्यर्थियों ने केंद्रों पर जमकर हंगामा किया। भोपाल के रायसेन रोड स्थित एक सेंटर पर कांच तोड़ दिया।