मुख्यमंत्री ने ट्वीट जारी कर कहा कि हेड कांस्टेबल अभिषेक पटेल की कर्तव्यनिष्ठा और अप्रतिम साहस के लिए 50 हज़ार रुपए भेंटकर सम्मानित किया। प्रदेश को ऐसे रत्न पर गर्व है। सीएम ने यह भी कहा कि बच्चों की जान बचाने के लिए अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले हेड कांस्टेबल अभिषेक पटेल की मुक्तकंठ से सराहना करता हूँ। इस मौके पर डीजीपी आरके शुक्ला, अपर पुलिस महानिदेशक राजीव टंडन और आदर्श कटियार भी मौजूद थे।
क्या हुआ था उस दिन
25 अगस्त को जब सागर के चितोरा गांव के माध्यमिक स्कूल में करीब 400 बच्चे पढ़ रहे थे। उसी समय स्कूल परिसर में करीब दस किलो वजन का बम पड़ा हुआ था। यह तोप का गोला बताया जाता है। उसी समय हेड कांस्टेबल अभिषेक पटेल वहां से गुजरे। बाकी लोग इसे नहीं समझ पा रहे थे। बम जिंदा था। पटेल ने इसे गंभीरता से लिया और समझ लिया कि यह भारी नुकसान पहुंचाने वाला बम है।
अभिषेक पटेल के मुताबिक करीब दल किलो वजनी इस बम को पटेल अपने कंधों पर उठाकर एक किलोमीटर दूर तक दौड़ने लगे। वे स्कूल परिसर से दूर रिहायशी इलाके के बाहर से होते हुए जंगल की तरफ दौड़ते चले गए। करीब एक किमी दूर जाकर पटेल ने इस बम को फेंक दिया। फिर राहत की सांस ली।
बताया जाता है कि बम इतना शक्तिशाली था कि इससे क्लास समेत बच्चों के जान-माल की हानि हो सकती थी, वहीं कंधे पर ले जाते समय यदि यह बम फट जाता तो पटेल के चीथड़े ही उड़ जाते।
VIDEO हुआ वायरल
दस किलो वजनी तोप का गोला अपने कंधे पर ले जाने का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। किसी ने बच्चों की जान बचाने वाले हेड कांस्टेबल का वीडियो भी बना लिया था।स्कूल के एक छात्र का कहना है कि जैसे ही स्कूल परिसर में बम मिलने की खबर मिली, वैसे ही सभी को छु्टी दे दी गई।
बहादुर हेड कांस्टेबल अभिषेक पटेल ने जागरूकता दिखाई और विस्फोट से बचाने के लिए वह तोप के गोले को लेकर एक किलोमीटर दूर तक दौड़ता चला गया। स्कूल के टीचर्स और ग्रामीण भी उस पुलिसकर्मी को सलाम कर रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन ने उसे ईनाम देने की भी घोषणा की है।