SC ने भाजपा से पूछा, आप अविश्वास प्रस्ताव क्यों नहीं ला रहे?
हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए फ्लोर टेस्ट जरूरी है। नहीं तो इससे जोड़-तोड़ का बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली/भोपाल. सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश के मामले की सुनवाई चल रही है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक सख्त टिप्पणी की है। शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि खरीद-फरोख्त ना हो इसके लिए जल्द फ्लोर टेस्ट होना चाहिए। वहीं कांग्रेस की तरफ से पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि ये अनोखा मामला है। अभी तक किसी ने भी बहुमत होने का दावा नहीं किया है। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने भाजपा की तरफ से पक्ष रह रहे मुकुल रोहतगी से पूछा कि आप अविश्वास प्रस्ताव क्यों नहीं ला रहे हैं। इस पर रोहतगी ने बोम्मई केस का उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा कि चलते सेशन में राज्यपाल एजेंडा तय सकते हैं।
मुकुल रोहतगी ने और क्या कहा
- जब इन पर बन आई थी तो आधी रात को फ्लोर टेस्ट की मांग की थी और आज दो हफ्ते का वक्त मांग रहे हैं।
- यह चलती विधानसभा का मामला है, राज्यपाल एजेंडा तय कर सकते हैं।
- इस्तीफे पर फैसला का फ्लोर टेस्ट से कोई लेना-देना नहीं।
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सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम केवल एक ऐसी स्थिति बना सकते हैं जहां जोड़-तोड़ की कोशिश वास्तव में स्वैच्छिक हो।
स्पीकर की ओर से सिंघवी ने कहा कि इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों को नई सरकार से लाभ मिलेगा।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा. जब अध्यक्ष निर्णय नहीं लेंगे हैं तो आप परिस्थितियों से कैसे निपटेंगे
सिंघवी ने कहा कि कोर्ट समय सीमा दे सकता है। स्पीकर ने पहले ही इन विधायकों को नोटिस जारी कर दिए हैं।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, क्या होगा अगर राज्यपाल कार्रवाई नहीं करते हैं, दूसरा पक्ष भी देखें। दोनों पक्षों से आशंका व्यक्त की जा रही है। क्या होगा अगर वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्पीकर के सामने आते हैं. तो क्या आप निर्णय लेने के लिए तैयार हैं? इस पर वकील सिंघवी ने कोर्ट के दखल का विरोध किया।
इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एक राष्ट्रीय समस्या है। यह केवल एक राज्य के बारे में नहीं है। संविधान के तहत हम आपको निर्देश नहीं दे सकते। लेकिन हमें वास्तविकता की जांच भी करनी होगी।
सिंघवी ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सुझाव देकर अदालत बेंगलुरु में बैठे विधायकों को वैधता दे रही है। सिंघवी ने इस्तीफे पर फैसला करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। इसके बाद ही फ्लोर टेस्ट हो सकता है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कि दो हफ्तों का समय देने से हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका बढ़ जाएगी।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कि आपको 22 इस्तीफे मिले। छह का इस्तीफा एक ही बैच में था। स्पीकर ने क्या जांच की थी। इस्तीफे की तारीख क्या थी और आपने वास्तव में एक आदेश कब पारित किया?
जस्टिस चंद्रचूड़ए सिंघवी को समझाने की कोशिश करते हैं कि उन्हें इस्तीफे के लिए विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के विचार को स्वीकार करना चाहिए और जल्द ही फ्लोर टेस्ट करवाना चाहिए।
वकील सिंघवी ने कहा कि अभी हमारा सत्र चल रहा है और इस तरह से कभी किसी अदालत ने फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश नहीं दिया है। ऐसा एक भी मामले में नहीं हुआ है।
जस्टिस चंद्रचूड़ का कहा कि इस्तीफे को स्वीकार करने में देरी से सदन की शक्तियों को प्रभावित नहीं हो सकती। इस्तीफे पर फैसला ना लेने से फ्लोर टेस्ट नहीं रुक सकता।
सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह चौहान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस्तीफे का सवाल नहीं है। सवाल यह है कि क्या राज्यपालों के आदेश को लागू किया जाना चाहिए या उन्हें रद्द कर दिया जाना चाहिए।
बागी विधायकों की ओर से वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सहमत हैं।
कांग्रेस ने मांगा वक्त
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि इस पूरे मामले के लिए कम से कम दो सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए। वकील अभिषेक मनु संघवी ने कहा कि बिना इस्तीफे पर फैसले लिए हुए फ्लोर टेस्ट का फैसला उचित नहीं होगा क्योंकि स्पीकर को विधायकों के इस्तीफे पर विचार करने के लिए कम से कम दो सप्ताह का समय लगेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो सप्ताह का वक्त नहीं दे सकते। हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए फ्लोर टेस्ट जरूरी है। नहीं तो इससे जोड़-तोड़ का बढ़ावा मिलेगा
Advocate AM Singhvi who is representing Madhya Pradesh Speaker told Supreme Court, "please give me two weeks time to decide. Let the rebel MLAs come back to MP, their homes" https://t.co/M5Jswhi3dl
— ANI (@ANI) March 19, 2020
भोपाल में बैठकों का दौर
दूसरी तरफ भोपाल में बैठकों का दौर जारी है। सीएम हाउस के गेट पर आज सुरक्षा व्यवस्था का रिव्यू किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने बैरीकेड चेंज करने का निर्णय लिया है। यहां सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष नजर रखी जाएगी। आशंका है कि बुधवार को कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा भी आज यहां विरोध जताने के लिए धरना दे सकती है।
#MadhyaPradesh BJP leader Shivraj Singh Chouhan on Speaker sought 2 weeks' time in Court: Why do they want more time? for engaging in horse-trading? Now they know that they do not have the numbers. It's an excuse to get some more transfers done. pic.twitter.com/JyhVp28NNR
— ANI (@ANI) March 19, 2020
बुधवार को क्या हुआ था?
कांग्रेस के बागी विधायकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाय चंद्रचूड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा था- एक चिंता जो हमारे पास है वह यह है कि स्पीकर ने इन 16 के लिए फैसला नहीं किया है। उनका कहना है कि 16 को बेंगलुरु में भेज दिया गया है। हम विधायकों को कार्यवाही में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, लेकिन हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे अपना फैसला ले सकें। यह एक संवैधानिक न्यायालय का कर्तव्य है।
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