मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को सौंपी शिकायती चिट्ठी
मध्यप्रदेश में सियासी घमासान का 11वां दिन राज्यपाल लालजी टंडन के इर्द-गिर्द घूमता रहा। फ्लोर टेस्ट और विधायकों की सुरक्षा के लिए पहले कांग्रेस फिर भाजपा के रणनीतिकार राज्यपाल से मिले और अपना पक्ष रखा। सीएम कमलनाथ शुक्रवार सुबह राज्यपाल से मिले। उन्होंने टंडन से कहा कि राजनीतिक उथल-पुथल खत्म करने के लिए फ्लोर टेस्ट की चुनौती के लिए तैयार हैं। उन्होंने राज्यपाल को तीन पेज की चिट्ठी सौंपी। इसमें लिखा, मैं भाजपा द्वारा किए अनैतिक और गैरकानूनी काम सामने लाने के लिए विवश हूं। 3-4 मार्च की आधी रात कांग्रेस-सरकार समर्थक विधायकों को बेंगलुरु ले जाने का ड्रामा किया। कांग्रेस के नेताओं ने इसे नाकाम कर दिया। इसमें विधायकों ले जाने के लिए प्रलोभन और बल?का प्रयोग किया। विस के 16 मार्च से शुरू होने जा रहे सत्र में फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए।?इसके बाद मीडिया से कहा कि मध्यप्रदेश की राजनीति में कोरोना वायरस आ गया है, अब उसे ठीक करना है। फिर बोले- दस साल तक मुख्यमंत्री कमलनाथ ही रहेंगे। मैंने राज्यपाल को पत्र देकर बताया कि किस प्रकार से कांग्रेस के विधायकों को कैद किया गया।
सत्र के पहले दिन कराएं फ्लोर टेस्ट: भाजपा
भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भी राज्यपाल से मिला। प्रतिनिधिमंडल में शिवराज सिंह, गोपाल भार्गव के साथ सिंधिया भी थे। वे बजट सत्र के पहले दिन ही फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए ज्ञापन लेकर गए थे, लेकिन तकनीकी कमी के चलते नहीं दिया। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि बजट अभिभाषण या दूसरी कार्यवाही के पहले फ्लोर टेस्ट होना चाहिए, सरकार अल्पमत में है। इसके बाद सिंधिया शाम को दिल्ली चले गए।