वहीं सपाक्स संगठन के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण को जरूरी नहीं माना है। सरकार को प्रमोशन में आरक्षण समाप्त कर नए सिरे से पदोन्नति करनी चाहिए। सपाक्स ने चेताया है कि प्रदेश सरकार ने ५ अक्टूबर तक इस मामले में कदम नहीं उठाया तो वे आंदोलन की राह पकड़ लेंगे।
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भाजपा-कांग्रेस नेता सार्वजनिक सभा में जाने से बच रहे प्रमोशन में आरक्षण फैसला आने से पहले प्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट को लेकर सपाक्स विरोध कर रहा है। यहां पर मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्रियों और कांग्रेस के सांसदों को काले झंडे दिखाकर विरोध किया जा रहा है। हालात यह हो गई है कि अब नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बच रहे हैं। चुनाव के एेन वक्त पहले प्रमोशन में आरक्षण का फैसला आने से इनकी परेशानी ओर बढ़ गई है।
भाजपा-कांग्रेस नेता सार्वजनिक सभा में जाने से बच रहे प्रमोशन में आरक्षण फैसला आने से पहले प्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट को लेकर सपाक्स विरोध कर रहा है। यहां पर मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्रियों और कांग्रेस के सांसदों को काले झंडे दिखाकर विरोध किया जा रहा है। हालात यह हो गई है कि अब नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बच रहे हैं। चुनाव के एेन वक्त पहले प्रमोशन में आरक्षण का फैसला आने से इनकी परेशानी ओर बढ़ गई है।
बसपा उठाएगी मौके का फायदा
बसपा अब प्रमोशन में आरक्षण को अपना मुख्य मुद्दा बनाकर इसका फायदा उठाएगी। मध्यप्रदेश में इस मुद्दे पर सियासत में उफान आया हुआ है। अजाक्स-सपाक्स इस मुद्दे पर आपस में भिड़े हुए हैं, जबकि भाजपा को इस मुद्दे पर बचाव की गली नजर नहीं आ रही। कांग्रेस भी इस पर बिलकुल चुप है।
बसपा अब प्रमोशन में आरक्षण को अपना मुख्य मुद्दा बनाकर इसका फायदा उठाएगी। मध्यप्रदेश में इस मुद्दे पर सियासत में उफान आया हुआ है। अजाक्स-सपाक्स इस मुद्दे पर आपस में भिड़े हुए हैं, जबकि भाजपा को इस मुद्दे पर बचाव की गली नजर नहीं आ रही। कांग्रेस भी इस पर बिलकुल चुप है।