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राज्य शासन अब 100 रुपए में बिजली देने जा रही है। कंपनी को डर है कि यदि इसमें दी जाने वाली सब्सिडी की स्थिति पूर्ववत रही तो दिक्कत और बढ़ेंगी। वर्तमान में बिजली कंपनियों का पूरा जमीनी काम आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे हैं। यही वजह है कि अप्रशिक्षित कर्मचारी कई बार बिजली आपूर्ति समय पर बहाल नहीं कर पाते। मालूम हो कि बिजली कंपनी में करीब 33 हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं जबकि कुल कर्मचारियों की संख्या तकरीबन 55 हजार है।
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ये मिलेगा लाभ
जानकारों के अनुसार 150 यूनिट तक की पात्रता से बिजली बचत में लाभ मिलेगा। जो लोग 170 या इससे अधिक यूनिट खर्च करते हैं, वे सब्सिडी के लिए बिजली बचत शुरू कर सकते हैं। यदि प्रति उपभोक्ता 20 से 30 यूनिट बिजली भी एक महीने में बचाई गई तो 10 लाख उपभोक्ताओं से ढाई करोड़ यूनिट से अधिक बिजली की बचत होगी। ये बचत 2.5 लाख परिवारों को एक माह की बिजली का इंतजाम कर देगी।
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आशंका ये भी हैं
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नई योजना के तहत पहले 100 यूनिट के लिए उपभोक्ता से 100 रुपए और अतिरिक्त प्रति यूनिट के लिए औसत सात रुपए के हिसाब से चार्ज किया जाएगा। यानी 150 यूनिट पर 450 रुपए से अधिक का बिल नहीं आएगा। अभी के टैरिफ के हिसाब से इतनी यूनिट का बिल लगभग एक हजार रुपए बनता है। अब शासन को 150 यूनिट खर्च करने वाले उपभोक्ताओं के नाम पर 550 रुपए की सब्सिडी देनी होगी।
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बिजली कंपनी को शासन से सब्सिडी लेना है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि योजना को लागू करने में पीछे हटेंगे। हम पूरी क्षमता के साथ इस दिशा में काम कर रहे हैं।
– विशेष गढ़पाले, एमडी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी