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स्पीकर ने स्वीकार किए 16 विधायकों के इस्तीफे, कमलनाथ ने बुलाई प्रेस कांफ्रेंस

locationभोपालPublished: Mar 20, 2020 10:31:58 am

बहुमत परीक्षण से पूर्व कमलनाथ दे सकते हैं इस्तीफा, देर रात तक चला मंथन का दौर

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भोपाल. मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी तूफान पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद गुरुवार देर राततक भोपाल में सियासत गरमाई रही। देर रात तक दोनों पार्टियों में मंथन का दौर चला। इसी बीच जिन विधायकों की सदस्यता को लेकर सवाल उठे थे, उनके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने स्वीकार कर लिए। इससे कयासों का बाजार गर्म हो गया। इससे पूर्व कमलनाथ ने कांग्रेस के विधायकों को भावुक अंदाज में संबोधित किया। कहा उन्होंने कभी हंगामे और शोरगुल की राजनीति नहीं की। उन्हें शांति की राजनीति पसंद है। साथ ही कमलनाथ ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस बुला ली है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे बहुमत परीक्षण से पूर्व मीडिया को संबोधित कर राजभवन जाकर इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसा ही कुछ येदियुरप्पा ने भी कर्नाटक में बहुमत की संख्या न जुटने की स्थिति में किया था, जिसके बाद कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बन गई थी।

उधर, पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने भी डीजीपी को चिट्ठी लिखकर अपने विधायकों की सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि उनके विधायक सुबह 8.30 पर सीहोर से विधानसभा के लिए प्रस्थान करेंगे, ऐसे मेें विधायकों के लिए कड़ी सुरक्षा की जरूरत है। रास्ते में आसामाजिक तत्व बवाल कर सकते हैं।
ऐसे चला घटनाक्रम


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कमलनाथ सरकार को बहुमत परीक्षण का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुक्रवार को कांग्रेस सरकार बहुमत का परीक्षण कराए। इसके बाद से कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद से कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने पहले छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे, जिससे उनका फैसला सवालों के घेरे में आ गया था। गुरुवार रात कमलनाथ से चर्चाा के बाद शेष 16 विधायकों के इस्तीफे भी स्वीकार कर लिए गए।
कमलनाथ ने दिए संकेत


दरअसल, गुरुवार देर रात विधायक दल की बैठक कमलनाथ ने इस्तीफे को लेकर संकेत दिए। इसके बाद विश्वसनीय साथियों के साथ बैठकर देर रात तक मंथन किया। इसमें मुख्य रूप से इस्तीफा या फ्लोर टेस्ट करने की खींचतान पर विचार-विमर्श किया गया। कमलनाथ ने विश्वस्त साथियों को कहा कि गरिमामय राजनीति की है और ऐसी ही राजनीति करना चाहता हूं। नारेबाजी व शोर-शराबे में नहीं पडऩा चाहता। इसके बाद देर रात विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से चर्चा की। इसके कुछ देर बाद ही विधानसभा अध्यक्ष ने 16 विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर दिए गए।
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