दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कमलनाथ सरकार को बहुमत परीक्षण का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुक्रवार को कांग्रेस सरकार बहुमत का परीक्षण कराए। इसके बाद से कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद से कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने पहले छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे, जिससे उनका फैसला सवालों के घेरे में आ गया था। गुरुवार रात कमलनाथ से चर्चाा के बाद शेष 16 विधायकों के इस्तीफे भी स्वीकार कर लिए गए।
दरअसल, गुरुवार देर रात विधायक दल की बैठक कमलनाथ ने इस्तीफे को लेकर संकेत दिए। इसके बाद विश्वसनीय साथियों के साथ बैठकर देर रात तक मंथन किया। इसमें मुख्य रूप से इस्तीफा या फ्लोर टेस्ट करने की खींचतान पर विचार-विमर्श किया गया। कमलनाथ ने विश्वस्त साथियों को कहा कि गरिमामय राजनीति की है और ऐसी ही राजनीति करना चाहता हूं। नारेबाजी व शोर-शराबे में नहीं पडऩा चाहता। इसके बाद देर रात विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से चर्चा की। इसके कुछ देर बाद ही विधानसभा अध्यक्ष ने 16 विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर दिए गए।