दरअसल, स्पेशल टॉस्क फोर्स ने मंगलवार को भोपाल रेलवे स्टेशन के छह नंबर प्लेटफॉर्म से यास्मिन और उसके बेटे शाबिर को गिरफ्तार किया है। यास्मिन नाम की यह महिला पहले शकुंतला थी। महिला के पास तो बॉक्स में ऐसे ड्रग्स से मिले हैं, जिससे सीरियल क्राइम को बढ़ावा मिलता है। महिला इस पाउडर से टैबलेट बनाकर पार्टियों और शहर के युवाओं में सप्लाई करती थी। एसटीएफ की टीम इसकी गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी मान रही है।
राजा टाइप होने लगती हैं फिलिंग
एसटीएफ मुख्यालय के एसपी विनय पॉल ने बताया कि मैं जब इंदौर में बतौर एसपी पोस्टेड था, तब यह मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि हमलोगों के सामने एक चैलेंज था कि अल्प्राजोलम के टैबलेट की सप्लाई को रोके। विनय पॉल ने कहा कि वहां यह पाया गया था कि सीरियल क्राइम के जो मामले आते थे, उसके पीछे की वजह अल्प्राजोलम ड्रग्स को लेना होता था। शहर में एक ही रात बीस-पच्चीस गाड़ियों में आग लगा दी जाती थी। ऐसे ही रात चलते लोगों को चाकू मार दी जाती थी। इसमें जितने भी आरोपी पकड़े गए सभी अल्प्राजोलम टैबलेट लेते थे।
एसटीएफ मुख्यालय के एसपी विनय पॉल ने बताया कि मैं जब इंदौर में बतौर एसपी पोस्टेड था, तब यह मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि हमलोगों के सामने एक चैलेंज था कि अल्प्राजोलम के टैबलेट की सप्लाई को रोके। विनय पॉल ने कहा कि वहां यह पाया गया था कि सीरियल क्राइम के जो मामले आते थे, उसके पीछे की वजह अल्प्राजोलम ड्रग्स को लेना होता था। शहर में एक ही रात बीस-पच्चीस गाड़ियों में आग लगा दी जाती थी। ऐसे ही रात चलते लोगों को चाकू मार दी जाती थी। इसमें जितने भी आरोपी पकड़े गए सभी अल्प्राजोलम टैबलेट लेते थे।
दो दिन तक मचा सकता है उत्पात
एसपी विनय पॉल ने कहा कि जब इस मामले की जांच की गई तो यह पाया गया कि इसे लेने के बाद उनके अंदर एक अजीब सी ताकत महसूस होने लगती थी। उन्हें राजा टाइप फिलिंग होती है। तब उन्हें लगता है कि मैं कुछ भी कर सकता हूं। उसी सनक में लोग क्राइम करते हैं। उन्होंने बताया कि एक टैबलेट दस एमजी का होता है। अगर एक व्यक्ति उसे एक बार लेता है तो कि वह दो दिन तक शहर में उत्पात मचा सकता है।
एसपी विनय पॉल ने कहा कि जब इस मामले की जांच की गई तो यह पाया गया कि इसे लेने के बाद उनके अंदर एक अजीब सी ताकत महसूस होने लगती थी। उन्हें राजा टाइप फिलिंग होती है। तब उन्हें लगता है कि मैं कुछ भी कर सकता हूं। उसी सनक में लोग क्राइम करते हैं। उन्होंने बताया कि एक टैबलेट दस एमजी का होता है। अगर एक व्यक्ति उसे एक बार लेता है तो कि वह दो दिन तक शहर में उत्पात मचा सकता है।
बांगलादेश बॉर्डर से हो रही है स्मगलिंग
एमपी एसटीएफ के डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि महिला के पास से मिले ड्रग्स अल्प्राजोलम हैं। देश के दूसरे शहरों से भी हमें सप्लाई की जानकारी दी गई है। पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि बातों-बातों में यह बात भी सामने आई है कि बांगलादेश बॉर्डर से भी इसकी स्मगलिंग हो रही है। इसकी डिमांड सबसे ज्यादा अपराधियों के बीच है। साथ ही रेव पार्टियों में भी इसकी सप्लाई हो रही है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को अब कोकीन और ब्राउन शुगर में ज्यादा भरोसा नहीं है।
एमपी एसटीएफ के डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि महिला के पास से मिले ड्रग्स अल्प्राजोलम हैं। देश के दूसरे शहरों से भी हमें सप्लाई की जानकारी दी गई है। पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि बातों-बातों में यह बात भी सामने आई है कि बांगलादेश बॉर्डर से भी इसकी स्मगलिंग हो रही है। इसकी डिमांड सबसे ज्यादा अपराधियों के बीच है। साथ ही रेव पार्टियों में भी इसकी सप्लाई हो रही है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को अब कोकीन और ब्राउन शुगर में ज्यादा भरोसा नहीं है।
महिला ने की है तीन शादी
पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि यास्मिन (50) उर्फ शकुंतला अमरावती की रहने वाली है। इसने नरेंद्र से शादी की। बाद में तलाक हो गया। फिर मंदसौर में नूर मोहम्मद से शादी की। इससे शाबिर हुसैन को जन्म दिया। शाबिर की उम्र वर्तमान में 25 साल है। यास्मिन ने नूर के साथ भी ड्रग तस्करी का काम किया,पकड़े गए। नूर को सजा हो गई। वह जेल में है, इसके बाद यास्मिन ने आसिफ से शादी कर ली। 2014 में भी 50 ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार की जा चुकी है।
पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि यास्मिन (50) उर्फ शकुंतला अमरावती की रहने वाली है। इसने नरेंद्र से शादी की। बाद में तलाक हो गया। फिर मंदसौर में नूर मोहम्मद से शादी की। इससे शाबिर हुसैन को जन्म दिया। शाबिर की उम्र वर्तमान में 25 साल है। यास्मिन ने नूर के साथ भी ड्रग तस्करी का काम किया,पकड़े गए। नूर को सजा हो गई। वह जेल में है, इसके बाद यास्मिन ने आसिफ से शादी कर ली। 2014 में भी 50 ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार की जा चुकी है।
उज्जैन और बिहार के जेल में बंद रही है यास्मिन
गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई है कि अल्प्राजोलम की सप्लाई करने वाली यास्मिन पूर्व में भी जेल जा चुकी है। 2003 में सबसे पहले इसकी गिरफ्तारी उज्जैन से हुई थी। वहां कुछ जेल में रही और बाहर आ गई। उसके बाद बिहार के सासाराम से इसे पकड़ा गया था। वहां से भी इसे आठ महीने बाद जमानत मिल गई थी। बताया जाता है कि इसे ड्रग्स सप्लाई के एवज में तीन से चार लाख रुपये मिलते हैं। एसटीएफ की टीम ने अभी तो इसके पास से बरामद की है, वह दो करोड़ रुपये का माल है।
गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई है कि अल्प्राजोलम की सप्लाई करने वाली यास्मिन पूर्व में भी जेल जा चुकी है। 2003 में सबसे पहले इसकी गिरफ्तारी उज्जैन से हुई थी। वहां कुछ जेल में रही और बाहर आ गई। उसके बाद बिहार के सासाराम से इसे पकड़ा गया था। वहां से भी इसे आठ महीने बाद जमानत मिल गई थी। बताया जाता है कि इसे ड्रग्स सप्लाई के एवज में तीन से चार लाख रुपये मिलते हैं। एसटीएफ की टीम ने अभी तो इसके पास से बरामद की है, वह दो करोड़ रुपये का माल है।
क्रिमिनल के बीच इसलिए है डिमांड
एमपी एसटीएफ के एडीजी अशोक अवस्थी ने कहा कि एल्प्राजोलम का क्रिमिनल्स के बीच काफी डिमांड है। इसे लेने के बाद उनके अंदर का डर खत्म हो जाता है। इसकी वजह से वह बिना डर-भय के सीरियल क्राइम को अंजाम देते हैं। ऐसे में ये गिरफ्तारी हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। नहीं तो सप्लाई के बाद क्राइम और बढ़ते। उन्होंने कहा कि इसे एक तो बार लेने से आदमी फिर इसका गुलाम हो जाता है।
एमपी एसटीएफ के एडीजी अशोक अवस्थी ने कहा कि एल्प्राजोलम का क्रिमिनल्स के बीच काफी डिमांड है। इसे लेने के बाद उनके अंदर का डर खत्म हो जाता है। इसकी वजह से वह बिना डर-भय के सीरियल क्राइम को अंजाम देते हैं। ऐसे में ये गिरफ्तारी हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। नहीं तो सप्लाई के बाद क्राइम और बढ़ते। उन्होंने कहा कि इसे एक तो बार लेने से आदमी फिर इसका गुलाम हो जाता है।
केंद्रीय एजेंसियों को दी जा रही है जानकारी
वहीं, मध्यप्रदेश की एसटीएफ इसकी जानकारी अब केंद्रीय एजेंसियों को भी देगी। क्योंकि यह एक बड़ा रैकेट है। इनकी गिरफ्तारी के बाद दूसरे राज्यों के तस्करों के बारे में भी जानकारी मिली है। इसलिए उन राज्यों के पुलिस के साथ भी मध्यप्रदेश एसटीएफ यह जानकारी साझा करेगी। एसटीएफ को उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही कोई और बड़ा खुलासा होगा।
वहीं, मध्यप्रदेश की एसटीएफ इसकी जानकारी अब केंद्रीय एजेंसियों को भी देगी। क्योंकि यह एक बड़ा रैकेट है। इनकी गिरफ्तारी के बाद दूसरे राज्यों के तस्करों के बारे में भी जानकारी मिली है। इसलिए उन राज्यों के पुलिस के साथ भी मध्यप्रदेश एसटीएफ यह जानकारी साझा करेगी। एसटीएफ को उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही कोई और बड़ा खुलासा होगा।