मध्यप्रदेश में 6 माह बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक दलों का इस बार फोकस आदिवासी बेल्ट में भी हैं यही कारण है कि विन्ध्य क्षेत्रों पर राजनीतिक दौरे तेज हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कोल समाज के लोगों को साधने की कोशिश की है। गौरतलब है कि विंध्य क्षेत्र में 31 विधानसभा सीटें हैं और 4 लोकसभा सीटें हैं।
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सीएम हाउस में हुए बुधवार को हुए कोल जनजाति सम्मेलन से यही संकेत मिलते हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा है कि जब भगवान श्रीराम वनवास काल में थे, तब कोल जनजाति ने उनके लिए घर बनवाकर दिया था। हम भी इस जनजाति के लिए जमीन के पट्टे और आवास बनाने की दिशा में काम करेंगे। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भी विंध्य क्षेत्र का दौरा फरवरी माह में किया था। शाह कोल समाज के महाकुंभ शबरी माता महोत्सव में शामिल हुए थे।
विंध्य क्षेत्र में कोल समाज बहुसंख्यक है। सतना जिले में ही तीन लाख की आबादी कोल समाज की है। यह समाज सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल में भी बहुसंख्यक हैं। विंध्य में सभी मतदाताओं में कोल समाज का वोट 78 प्रतिशत है। कांग्रेस इस समाज को अपना वोट बैंक मानती आ रही है। इसी वोटबैंक में सेंध लगाने का प्रयास अब भाजपा कर रही है। विंध्य क्षेत्र के पांच जिले ऐसे हैं जहां कोल समाज का दबदबा है। इसके साथ ही लोकतंत्र के महापर्व में बढ-चढ़कर हिस्सा लेता आया है। कांग्रेस का कहती है कि आदिवासियों ने 2018 में कांग्रेस पार्टी का साथ दिया था और 2023 में भी कांग्रेस का ही साथ देंगें। इसलिए भाजपा घबराई हुई है। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व आदिवासियों को साधने में लगा हुआ है।
क्यों आए थे अमित शाह
अमित शाह ने इस मौके पर कहा था कि मध्यप्रदेश में थोड़े समय के लिए पंजे की सरकार आई थी। उसने जनजातियों के लिए बनाई योजनाओं को बंद कर दिया था। लेकिन उनकी सरकार गिर गई तो शिवराज ने फिर योजनाएं शुरू कर दीं। मोदी और शिवराज के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार बनी और चल रही है। शाह ने कहा था कि मोदी सरकार ने देश में 10 करोड़ शौचालय बनवाए। हर गरीब के घर 5 किलो मुफ्त अनाज ढाई साल से दिया जा रहा है। देश के 80 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा है।
शिवराज ने की थी घोषणा
इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने घोषणा करते हुए कहा था कि हम कोल समाज के हर भूमिहीन को रहने की जगह उपलब्ध कराएंगे। कोल गढ़ी का फिर से जीर्णोद्धार किया जाएगा। मां शबरी की प्रतिमा की स्थापना होगी। अंतिम कोल राजा का चित्र भी लगाया जाएगा। कोल समाज के बेटे-बेटियों को व्यवसाय के लिए लोन देंगे, ब्याज की सब्सिडी सरकार देगी। रीवा में पीजी होस्टल और सतना में गर्ल्स होस्टल बनवाएंगे। जिससे समाज के युवा पीछे नहीं रह जाएं।
यह है गणित
विंध्य क्षेत्र में 31 विधानसभा सीटें हैं और 4 लोकसभा सीटें हैं।
विंध्य कई विधानसभा चुनावों से भाजपा का अभेद्य किला बना हुआ है।
2003, 2008, 2013 और 2018 में भाजपा को यहां कांग्रेस से ज्यादा सीटें मिली।
2018 में जब कांग्रेस सरकार बनी तब भी विंध्य में 6 सीटें ही मिली थीं।
बहुजन समाज पार्टी ने भी कांग्रेस का खेल बिगाड़ा था।
क्या मुश्किल बढ़ाएगी विंध्य जनता पार्टी
भाजपा से मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी हाल ही में बागी तेवर दिखाए हैं। त्रिपाठी ने विंध्य क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर नई पार्टी बनाई है। जिसका नाम है विंध्य जनता पार्टी। भाजपा विधायक ने ही वीजेपी बना दी है। उनका नारा है कि तुम मुझे 30 दे दो, मैं तुम्हें विंध्य प्रदेश दूंगा।