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बड़ी खबर : पटवारियों के लिए सरकार का नया प्लान, मनपसंद जगह मिलेगी तैनाती, जानिए कैसे करें अप्लाई!

locationभोपालPublished: Jan 24, 2018 01:48:29 pm

अभी तक जिला कैडर होने की वजह से पटवारी Vyapam Patwari चाहकर भी दूसरे जिले में नहीं जा पाते थे, लेकिन अब खुद चुन सकेंगे जगह…

patwari policy
भोपाल। सरकार चुनावी साल यानि 2018-19 में पटवारियों की जिले के बाहर भी तैनाती करेगी। अभी तक जिला कैडर होने की वजह से पटवारी चाहकर भी दूसरे जिले में नहीं जा पाते थे। वहीं अब इसमें परिवर्तन किया जा रहा है, जिसके तहत पटवारियों को एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए 10 से 20 फरवरी के बीच ऑनलाइन आवेदन देना होगा, जिसमें प्राथमिकता वाले तीन जिले भी उन्हें बताने होंगे।
पटवारियों के मामले में किए जा रहे परिवर्तन के संबंध में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मंगलवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशMP Vyapam Patwari Joining Date 2018 दिए। उन्होंने कहा कि पटवारियों को उनकी पसंद के जिले में पदस्थ किया जाए। जबकि जिला कैडर होने की वजह से अब तक जिले के बाहर पटवारियों को पदस्थ नहीं किया जाता था।
मंत्री गुप्ता ने यह निर्देश दिया है कि नए भर्ती होने वाले नौ हजार से ज्यादा पटवारियों की काउंसलिंग के बाद अप्रैल से प्रशिक्षण MP Vyapam Patwari Bharti Joining Date 2018शुरू कराया जाए। इसके लिए सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों की सूची पहले से तैयार कर ली जाए। 10 फरवरी तक पटवारियों को मोबाइल लेने के लिए राशि उपलब्ध करा दी जाए। इसके बाद कोई राशि इस काम के लिए नहीं दी जाएगी।
आयुक्त भू-अभिलेख एम सेलवेन्द्रन ने बैठक में बताया कि नए पटवारियों का प्रशिक्षण नए पाठ्यक्रम से होगा। इसमें चार माह का सैद्धांतिक और दो माह का व्यावहारिक प्रशिक्षणMP Vyapam Patwari Bharti Date 2018 दिया जाएगा। इसमें पूरा जोर कम्प्यूटर पर रहेगा।
दरअसल विभाग सीमांकन, गिरदावरी सहित अन्य कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है। इसके पीछे मंशा राजस्व मामलों का तेजी से निराकरण करना है।

इधर,अध्यापकों के संविलियन में अभी वक्त लगेगा …
वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करने का ऐलान तो कर दिया परंतु संविलियन (MERGER) की प्रक्रिया काफी लम्बी है और जानकारों का मानना है कि यदि इसे तेजी से भी पूरा किया जाए तो भी कम से कम 6 माह का वक्त लगेगा।
सूत्रों के अनुसार घोषणा के आधार पर सबसे पहले अध्यापकों का SCHOOL EDUCATION DEPARTMENT में संविलियन करने का प्रस्ताव बनेगा। अध्यापकों को आर्थिक और अन्य लाभ देने में आने वाले खर्च का ब्योरा तैयार होगा। फिर संबंधित विभाग प्रस्ताव (PROPOSAL) का परीक्षण करेंगे। परीक्षण के बाद प्रस्ताव कैबिनेट जाएगा और फिर निर्णय होगा। तब कहीं संविलियन की नीति (MERGER POLICY) बनेगी और फिर आदेश जारी होंगे।
मिलेगा 7वां वेतनमान का लाभ:
इस संविलियन से उन्हें सातवां वेतनमान मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यानी वेतन में फिर वृद्धि होगी। वहीं अन्य लाभ भी मिलेंगे। इससे सरकारी खजाने पर करीब 450 करोड़ रुपए भार पड़ेगा। प्रदेश के दो लाख 84 हजार अध्यापक अभी नगरीय निकाय और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी हैं। संविलियन के बाद वे स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी कहलाएंगे।
हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि संविलियन कब से माना जाएगा और उसकी शर्तें क्या होंगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नियमित शिक्षक (व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक और सहायक शिक्षक) को 52 हजार से 70 हजार रुपए महीने तक वेतन मिल रहा है।
दस साल में पार किए ये पड़ाव …
2007-अध्यापक संवर्ग बना।
2008-महिलाओं के निकाय परिवर्तन की मांग पूरी हुई।
2011-अंशदायी पेंशन योजना का लाभ मिला।
2012-पहली बार पदोन्नति दी गई।
2013-वेतनमान के नए स्लैब तय हुए।
2014-शर्तों के साथ पुरुष अध्यापकों के तबादले शुरू।
2016-छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया।
2017-शिक्षा विभाग में संविलियन का निर्णय।
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