देश के सात राज्यों की सीमाओं से जुडऩे के बाद भी मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में पर्यटकों की संख्या कम है। दिल्ली से आने वाले पर्यटकों की बात करें तो खजुराहो तो आते हैं लेकिन वे यहां के अन्य पर्यटक स्थलों पर भ्रमण करने के बजाय वापस राजस्थान या फिर अन्य प्रदेश में चले जाते हैं। जबकि खजुराहो के पास ओरछा, ग्वालियर सहित अन्य पर्यटन स्थल हैं। पन्ना नेशनल पार्क भी खजुराहो के करीब ही है। पर्यटन विभाग का फोकस इन पर्यटकों पर है कि खजुराहो आने वाले पर्यटकों को यदि खजुराहो के आसपास के पर्यटन स्थलों के लिए विकल्प मिल जाए तो यहां ओरछा, ग्वालियर सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर भ्रमण कर सकेंगे। इसलिए यहां सर्किट बनाए जाने की तैयारी है।
धार्मिक सर्किट के प्रस्ताव को हरीझंडी – पर्यटन को ध्यान में रखते हुए धार्मिक सर्किट को तैयार किए जाने पर काम चल रहा है। यह टूरिस्ट सर्किल महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मांडू, मोहनखेड़ा और सिंगाजी को मिलाकर तैयार होगा। इसके अलावा रामवन गमन पथ को लेकर भी सरकार गंभीर है। यहां की कार्ययोजना तैयार है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम मध्यप्रदेश जिन मार्गों पर चले उनको विकसित किया जाना है। रास्ते में पडऩे वाले धार्मिक स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। ट्रायवल टूरिज्म पर भी सरकार का फोकस है। इसके लिए अलग से सर्किट तैयार किया जा रहा हैं। इसी के साथ ही हेरिटेज सर्किट और इको सर्किट पर भी तैयार हो रहे हैं। तैयार किए जा रहे नए सर्किट के लिए केन्द्र सरकार से भी आर्थिक सहायता की तैयारी है।
साइकिल सफारी का प्रयोग –
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस सरकार यहां साइकिल सफारी का प्रयोग भी कर चुकी है। इसके तहत 300 किलोमीटर का सफर निर्धारित था। प्रयास यही रहा कि पर्यटकों को यहां नए पर्यटन स्थल देखने को मिलेेंगे, क्योंकि आमतौर पर क्षेत्रीय स्थल पर तो इन पर्यटन स्थलों की पहचान होती है लेकिन बाहरी पर्यटकों को इसकी जानकारी नहीं होती। गाडिय़ों से यात्रा करने पर ये पयर्टन स्थल अछूते रहते हैं। पर्यटन विभाग को इस प्रयोग का लाभ मिला। नए पर्यटन स्थलों को भी लोगों ने देखा।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस सरकार यहां साइकिल सफारी का प्रयोग भी कर चुकी है। इसके तहत 300 किलोमीटर का सफर निर्धारित था। प्रयास यही रहा कि पर्यटकों को यहां नए पर्यटन स्थल देखने को मिलेेंगे, क्योंकि आमतौर पर क्षेत्रीय स्थल पर तो इन पर्यटन स्थलों की पहचान होती है लेकिन बाहरी पर्यटकों को इसकी जानकारी नहीं होती। गाडिय़ों से यात्रा करने पर ये पयर्टन स्थल अछूते रहते हैं। पर्यटन विभाग को इस प्रयोग का लाभ मिला। नए पर्यटन स्थलों को भी लोगों ने देखा।
पर्यटकों को रास आ रहा है एमपी – प्रदेश के लिए यह खुशी की बात है पर्यटकों को मध्य प्रदेश रास आ रहा है। पिछले वर्षों की तुलना में यहां लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले वर्ष यहां 7 करोड़ से अधिक पर्यटक आएं। इसमें तीन लाख से अधिक विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। देशी पर्यटकों की बात की जाए तो उनकी पहली पसंद धार्मिक पर्यटन स्थल ही है। इनमें चित्रकूट, ओरछा, मैहर, उज्जैन, ओंकारेश्वर और सलकनपुर प्रमुख हैं जबकि दूसरे नंबर पर वाइल्ड लाइफ से जुड़े पर्यटन स्थल है। जबकि विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद खजुराहो है।
प्रदेश के कई पर्यटन स्थलों के बारे में सिर्फ स्थानीय लोगों को ही पता है, इन्हें प्रदेश और देश के नक्शे पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। आसपास के पर्यटन स्थलों का क्लस्टर बनाकर इन्हें सड़क और हवाई मार्ग से भी जोडऩे की तैयारी है। नए सर्किट भी बनाए जा रहे हैं।
– सुरेन्द्र सिंह बघेल, पर्यटन मंत्री