scriptसोलर एनर्जी का ऐसा जुनून, इस प्रोफेसर ने 11 साल की ले ली छुट्टी | MPs Solar Gandhi Chetan Singh Solanki Energy Swaraj Mission | Patrika News

सोलर एनर्जी का ऐसा जुनून, इस प्रोफेसर ने 11 साल की ले ली छुट्टी

locationभोपालPublished: Feb 03, 2021 05:57:43 pm

Submitted by:

Manish Gite

मिलिए सोलर मैन ऑफ इंडिया से, लोग इन्हें मध्यप्रदेश का सोलर गांधी भी कहते हैं…।

01_professor.png

Chetan Singh Solanki

 

भोपाल। मैं आईआईटी मुंबई में डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी साइंस एण्ड इंजीनियर में सोलर एनर्जी में 17 सालों से पढ़ा रहा था। पिछले साल विश्व यात्रा पर निकला। करीब 30 देशों की यात्रा की। इस दौरान मैंने देखा कि सभी देश आर्थिक तरक्की के पीछे भाग रहे हैं किसी को क्लाइमेट चेंज की कोई खास चिंता नहीं है। पर्यावरण संरक्षण की बातें तो होती हैं लेकिन ये प्रयास इस स्तर पर नहीं होते कि इससे क्लाइमेट चेंज ( climate change ) को रोका जा सके। इसके लिए एक जनअभियान की जरूरत देख मैंने पिछले साल जुलाई में भोपाल ( bhopal ) से ही मेरी यात्रा शुरू की। इसके लिए कॉलेज से 11 साल यानी 2030 तक की अनपेड लीव ( unpaid leave ) ली है। इस दौरान मैं बस में ही सफर करूंगा। कभी घर नहीं जाऊंगा।

02_professor.png

 

यह कहना है कि सोलर मैन ऑफ इंडिया और सोलर गांधी ( Solar Gandhi ) के रूप में पहचाने जाने वाले प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ( Chetan Singh Solanki ) का। मंगलवार को वे मध्य प्रदेश के तकनीकी शिक्षण संचालनालय की ओर से 100 प्रतिशत सोलर उर्जा कैंपस विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल होने आए थे। मध्य प्रदेश में सोलर एनर्जी के ब्रांड एंबेसडर ( solar energy brand ambassador ) भी हैं।

 

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान मैंने ऐसा ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार किया जिसमें लोग खुद ही घर में सोलर सिस्टम तैयार कर इसे ऑपरेट और मेंटेंन भी कर सकते हैं। 2 लाख लोगों ये प्रोग्राम पूरा किया।

 

उन्होंने बताया कि अभी मेरी यात्रा गुजरात में चल रही है। वहां मैंने देखा कि जो लोग सोलर सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे ज्यादा बिजली की खपत करने लगे। उन्हें लगता है कि हमारी बिजली बिल तो कम आ रहा है, लेकिन इससे क्लाइमेट को नुकसान ही हो रहा है। इससे ई-वेस्ट ही बढ़ेगा।

 

मेरा लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा शैक्षणिक संस्थाओं और घरों से बिजली कनेक्शन हमेशा के लिए ही कट जाएं। हम सोलर एनर्जी के माध्यम से आत्मनिर्भर बन जाएं। यदि शैक्षणिक संस्थाओं में बिजली कनेक्शन नहीं होंगे। वे सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करेगी तो इससे लाखों युवाओं को संदेश जाएगा कि हम सीमित साधनों में भी बेहतर जीवन जी सकते हैं। मेरी घर में फ्रीज-एसी जैसी चीजें नहीं है।

 

सेविंग्स से कर रहा हूं यात्रा

शुरुआत में यात्रा के लिए परिवार तैयार नहीं था। मैंने बताया कि ये समाज के लिए जरूरी है। तो वे तैयार हो गए। मैंने सोलर इनोवेशन को लेकर कई बड़े प्रोजेक्ट किए हैं। 2017 में प्राइम मिनिस्टर अवार्ड मिल चुका है। 2019 में इंटरनेशनल संस्था आरइइइ की ओर से एक लाख डॉलर का अवार्ड मिला। अक्सर लोग सवाल करते हैं कि आप इनोवेशन के जरिए भी ये काम कर सकते। मुझे लगता है ज्यादा साइंस और टेक्नोलॉजी से बदलाव नहीं जा सकता। ये भी समस्या एक कारण है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संसाधनों के आयात पर 170 बिलियन डॉलर खर्च करना पड़ रहा है। जिससे हर साल भारत सरकार को 30 से 40 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x7ymoke
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो