* विधायक :
वेतन- 30 हजार रुपए प्रतिमाह।
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता- 35 हजार
टेलीफोन भत्ता- 10 हजार
लेखन सामग्री भत्ता- 10 हजार
कंप्यूटर एवं अर्दली भत्ता- 15 हजार
रेल यात्रा मुफ्त, पेट्रोल का भत्ता एवं हवाई यात्रा में भी छूट का लाभ मिलता है।
( विधायक भी पहल करें तो 30 प्रतिशत के हिसाब से नौह हजार रुपए प्रतिमाह ही देने होंगे।)
– सांसदों के एक-एक करोड़ मंजूर, अब दो साल के लिए लगा ब्रेक
कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार अपने स्तर काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री के आव्हान पर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सांसदों ने अपनी निधि से एक-एक करोड़ रुपए स्वीकृत किए हंै। नई व्यवस्था के तहत सांसद निधि पर उनके हाथ बंध गए हैं। उन्हें अपने स्तर पर ही खर्च की व्यवस्था करना होगी। केंद्र सरकार ने दो साल की सांसद निधि पर रोक लगा दी है। इसका उपयोग कोरोना वायरस की रोकथाम और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए होगा। प्रदेश के ज्यादातर सांसदों ने नए वित्तीय वर्ष से पहले स्वीकृति पत्र दे दिए थे। इसमें अस्पतालों के लिए पलंग, वेंटिलेटर, दवाइयां, उपकरण, सैनेटाइजर खरीदी इत्यादि के लिए राशि शामिल है। समय रहते इसकी राशि मंजूर हो गई और ज्यादातर स्थानों पर इस राशि से काम शुरू हो गया है। सांसदों को प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपए सांसद निधि क्षेत्र के विकास कार्य इत्यादि के लिए मिलती है।
मुख्यमंत्री के निर्णय लेते ही मैंने 30 प्रतिशत वेतन देने का संकल्प लिया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि वे अब एक साल तक मेरे वेतन से ये राशि काटकर प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करें।
– यशपाल सिसोदिया, विधायक मंदसौर
वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 की सांसद निधि पर रोक लगाई गई है। इसके पहले जिन सांसदों ने सांसद निधि राशि स्वीकृति पत्र दिए हैं, उनकी राशि मंजूर हो चुकी है।
– आरएस राठौर, आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग
प्रधानमंत्री के आव्हान पर मैंने एक करोड़ रुपए सांसद निधि से दिए थे। इसके पहले 70 लाख रुपए दे चुका हूं। यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष की है।
– विवेक शेजवलकर, सांसद, ग्वालियर
मैं एक करोड़ रुपए सांसद निधि और एक माह का वेतन दे चुका हूं। साथ ही 26 लाख रुपए अपने क्षेत्र के नगर पालिका और विधानसभाओं में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए स्वीकृत किए थे।
– केपी यादव, सांसद गुना