नगर निगम आयुक्त बी. विजय दत्ता ने आदेश जारी किए थे कि अपर आयुक्त, उपायुक्त और सभी स्तरों के नोडल अधिकारी मॉनीटरिंग के लिए तय क्षेत्रों में सुबह सात बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराएं। एक अन्य आदेश में कहा गया था कि नोडल अधिकारी मॉनीटरिंग वाले क्षेत्रों में तीन घंटे लोगों से चर्चा करें और सफाई संबंधी समस्याओं का मौके पर ही निराकरण करें।
कागजों में भले ही नगर निगम की मॉनीटरिंग व्यवस्था पुख्ता नजर आती है, पर हकीकत बिलकुल जुदा है। कोलार, होशंगाबाद रोड, भदभदा रोड, बैरागढ़, छोला, करोंद, आरिफ नगर समेत अन्य क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था बदहाल है। तीन दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के निरीक्षण के दौरान बीयू परिसर, पिपलिया पेंदे खां, साकेत नगर आदि क्षेत्रों में गंदगी मिली थी। जोन 14 के कई क्षेत्रों में नालियां जाम थीं। साकेत नगर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं किए जाने की शिकायत थी। चार दिन पहले नगर निगम आयुक्त बी. विजय दत्ता को पुराने शहर के जोन दो में कई जगह गंदगी मिली थी।
व्यवस्था में इन्हें जुटाया
-अपर आयुक्तों को विधानसभा क्षेत्रवार रोजाना सुबह तीन घंटे निरीक्षण करना है।
-उपायुक्तों को तीन से चार जोन दिए हैं। सुबह निरीक्षण का जिम्मा।
-सहायक आयुक्तों को उपायुक्तों की तरह जोन आवंटित किए हैं।
-जोन प्रभारी एवं एचचओ को सफाई सुनिश्चित कराना है।
-स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों और वार्ड प्रभारियों को वार्ड में सुबह निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था कराना है।
-जलकार्य, सिविल, भवन अनुज्ञा, इलेक्ट्रिकल समेत अन्य शाखाओं के इंजीनियरों को भी वार्ड की मॉनीटरिंग का जिम्मा दिया है।