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नेटफ्लिक्स जैसी ऑनलाइन कंपनियों से मनोरंजन टैक्स वसूलेगा नगर निगम

locationभोपालPublished: Oct 05, 2018 01:05:09 am

Submitted by:

Ram kailash napit

अधूरी तैयारी: जिम्मेदार अफसरों को संसाधनों-अधिकारों का पता नहीं

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Cinema house

भोपाल. नगर निगम अब नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसी विदेशी ऑनलाइन कंपनियों से टैक्स वसूलने की तैयारी में हैं। निगम के अधिकारी इन माध्यमों से हो रहे ऑनलाइन मनोरंजन को मापने और टैक्स वसूलने आइटी एक्सपट्र्स से सलाह ले रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली। इन कंपनियों के सर्वर प्रदेश में नहीं हैं तो मुख्यालय भी मुंबई जैसे महानगरों में हैं। दरअसल, केंद्र की अनुमति के बाद निकायों ने इसे अपने हाथ में ले लिया। हाइटेक मनोरंजन से टैक्स कैसेे वसूलेंगे, इसकी गाइडलाइन तय नहीं है। केबल नेटवर्क से केंद्र सरकार 18 फीसदी जीएसटी ले रही है। ऐसे में निगम इनसे टैक्स नहीं ले सकता। डीटूएच सर्विस को बंद करने का अधिकार भी निगम के पास नहीं है। वह लोगों के घर जाकर डीटूएच सर्विस की छतरियां बंद नहीं करावा सकता। अमेजन और नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियां ऑनलाइन कारोबार कर रही हैं। इनसे टैक्स लेने का अधिकार निगम के पास नहीं है। लिहाजा टैक्स वसूली की कवायद फिलहाल कागजी साबित हो रही है।

 

नगरीय निकायों को केंद्र ने मनोरंजन कर का झुनझुना पकड़ाया है। निकाय सिनमोघरों के अलावा किसी भी माध्यम से हो रहे मनोरंजन से टैक्स नहीं ले सकता। समस्या ये है कि वह इनकी गणना ही नहीं कर सकता।
गिरीश शर्मा, केबल ऑपरेटर
केबल पर पहले से जीएसटी लागू है, इसलिए इसे टैक्स के दायरे में नहीं लिया जा रहा है। सिनेमाघर संचालकों से चर्चा हुई है। ऑनलाइन माध्यम से कैसे मनोरंजन कर लिया जाए, इसकी योजना बनाई जा रही है।
रणवीर सिंह, अपर आयुक्त, निगम
आज से मप्र के सिनेमाघर अनिश्चितकाल के लिए बंद
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद मनोरंजन कर लगाने से गुस्साए सिनेमाघर मालिक शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। सभी सिनेमाघर बंद रहेंगे। वे न्यायालय की भी शरण ले चुके हंै। एक जुलाई 2017 के पहले सिनेमा घर टैक्स के दायरे में नहीं थे, लेकिन अब 18त्न लगा दिया। स्थानीय निकाय ने 99 रुपए के टिकट पर 5त्न, 99 से 199 रु. पर 10 प्रतिशत और उसके ऊपर 15 प्रतिशत मनोरंजन शुल्क लगाया है। सिनेमा ऑपरेटरों का कहना है कि 25त्न के टैक्स का भार आ गया है। निकाय को 200 रुपए प्रति शो चुकाना पड़ते हंै। 50त्न डिस्ट्रीब्यूटर को देने के बाद उनके खाते में 25 फीसदी राशि भी नहीं आती। उसके ऊपर स्टॉप का खर्च, बिजली और सिनेमाघर का रखरखाव आदि पर भी भारी राशि खर्च होती है।
252 सिनेमाघर हैं मध्यप्रदेश में
10 सिनेमाघर हैं राजधानी में
18त्न जीएसटी के दायरे में हैं सिनेमाघर

कर के विरोध में सिनेमाघर शुक्रवार से बंद रहेंगे।
अश्विनी अग्रवाल, प्रवक्ता, सेन्ट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन

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