प्रसिद्ध क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुण सागर महाराज के दिल्ली में समाधिपूर्वक मरण की खबर से राजधानी के श्रद्धालु स्तब्ध हैं। भोपाल में भी मुनिश्री के हजारों अनुयायी है। मुनिश्री का शहर से गहरा नाता रहा है। मुनिश्री तरुण सागर महाराज का राजधानी में दो बार चातुर्मास हुआ है। मुनिश्री का शहर में पहला चातुर्मास वर्ष 1994 में चौक जैन मंदिर में हुआ था। इसके बाद दूसरी बार चातुर्मास वर्ष 2010 टीन शेड जैन मंदिर में आयोजित किया गया था। वे 5 जून 2010 को भोपाल आए थे। उस समय बोर्ड ऑफिस चौराहे पर उनकी ऐतिहासिक अगवानी हुई थी, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए थे। इस दौरान टीन शेड जैन मंदिर में चातुर्मास के दौरान उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में देश विदेश से भी कई श्रद्धालु पहुंचे थे। टीटी नगर दशहरा मैदान में उनकी रविवारीय प्रवचन सभा होती थी। चातुर्मास के दौरान मुनिश्री शहर में 6 माह रुके थे। 5 जून 2010 को उनका आगमन हुआ था और जनवरी 2011 में शहर से उनका विहार हुआ था।
सीएम हाउस में हुई थी आहारचर्या भोपाल में चातुर्मास के दौरान मुख्यमंत्री निवास पर मुनिश्री तरुण सागर महाराज की आहारचर्या 8 दिसम्बर 2010 को हुई थी। इस मौके पर यहां मुनिश्री का उद्बोधन भी हुआ था, साथ ही मांसाहार और शराब छोड़कर शाकाहारी बनाने के लिए संकल्प पत्र भरवाने की शुरुआत भी मुनिश्री ने यहां से की थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, साधना सिंह, तात्कालीक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने प्रवचन कार्यक्रम की एक पुस्तक का लोकार्पण भी किया था।
भोपाल की हरियाली से था विशेष लगाव टीन शेड जैन मंदिर के अध्यक्ष अमर जैन बताते हैं कि मुनिश्री को भोपाल की हरियाली से विशेष लगाव था, चातुर्मास के दौरान उन्होंने कई बार यहां की हरियाली का जिक्र किया था। टीन शेड जैन मंदिर के आसपास की हरियाली भी उन्हें खूब भाति थी। वे एक ऐसे संत थे, जिन्होंने जैन धर्म को घर-घर तक पहुंचाया और लोगों को जैन धर्म के आधार पर जीवन जीने की कला सिखाई। हमारे दिल में गुरुजी की यादे हमेशा विद्यमान रहेगी।
विनयांजलि सभा में जुटा जैन समाज
दिल्ली में समाधिपूर्वक मरण के बाद राजधानी से भी कई श्रद्धालु उनके अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। शहर के जवाहर चौक स्थित जैन मंदिर स्थित विद्यासागर सभागृह में शनिवार रात्रि में विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें जैन समाज के साथ अनेक समाज के लोगों ने भाग लिया। पंचायत कमेटी ट्रस्ट, मुनिसंघ सेवा समिति, दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप, महिला मंडल, युवा मंडल, शहर के जैन मंदिर समितियों के पदाधिकारियों और समाज के वरिष्ठजनों ने भाग लिया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मुनिश्री के जैन संत से लेकर जन संत बनने तक के वृत्तांत सुनाए और उनके विशेष प्रवचनों से जीवनशैली में आए परिवर्तन के बारे में भी बताया। इस मौके पर दो मिनट का मौन रखकर मंत्रोच्चार के साथ उन्हें विनयांजलि दी गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।