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अलग-अलग पार्टी के महापौर बन गए तो पानी पर होगी खींचतान, मेट्रो रूट से कोलार रहेगा महरूम

locationभोपालPublished: Oct 13, 2019 02:36:31 am

Submitted by:

Pushpam Kumar

नगर निगम का बंटवारा

अलग-अलग पार्टी के महापौर बन गए तो पानी पर होगी खींचतान, मेट्रो रूट से कोलार रहेगा महरूम

अलग-अलग पार्टी के महापौर बन गए तो पानी पर होगी खींचतान, मेट्रो रूट से कोलार रहेगा महरूम

भोपाल. भोपाल और कोलार में अलग-अलग नगर निगम बनाने से स्मार्ट सिटी के कार्यों पर भी असर पड़ेगा। पूरा काम भोपाल नगर निगम क्षेत्र में होने से कोलार का विकास नहीं हो पाएगा। दोनों नगर निगमों में दो पार्टियों के महापौर बन गए तो पानी को लेकर खींचतान मचेगी। शनिवार को अवकाश होने पर भी जनता के इसी तरह के 25 दावे-आपत्तियां कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इनमें नगर निगम बंटवारे पर पानी की दिक्कत होने की आशंका जताई गई है। आपत्ति में लिखा है कि दो नगर निगम बनने से अलग-अलग पार्टी के महापौर होने पर दोनों में खींचतान के हालत बन सकते हैं। ऐसे में पानी को लेकर खींचतान खड़ी हो जाएगी। अभी गर्मी के दिनों में ही परेशानी होती है, आगे चलकर क्या होगा पता नहीं। मेट्रो का पूरा काम जिस हिस्से में हो रहा वो भोपाल में चला जाएगा। कोलार इस सुविधा से पिछड़ जाएगा ।
कलेक्टोरेट के कक्ष 133 में आपत्ति प्रस्तुत करने आए अहीर मोहल्ला बरखेड़ी निवासी पवन यादव ने बताया कि कोलार को अलग करने पर यहां के लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा। स्मार्ट सिटी योजना में पेन सिटी के तहत पूरे शहर में काम होने हैं। कोलार को अलग करने से रहवासियों को लाभ नहीं मिलेगा। मिडी बस सेवा से भी कोलार में शुरू नहीं होगी। पूरनलाल की आपत्ति है कि भोपाल नगर निगम अपने क्षेत्र में ही मेट्रो के नए रूट्स डवलप करेगा, कोलार वंचित रह जाएगा। इसी तरह प्रीति यादव, सुरेश बुधानी, अरुण यादव, महेंद्र रघुवंशी, हरिओम यादव, मदनलाल सहित 25 लोगों ने आपत्ति लगाई है।
नगर निगम बंटवारे पर भाजपा ने मंडल अध्यक्षों को दी जिम्मेदारियां
भोपाल नगर निगम बंटवारे के खिलाफ जिला भाजपा ने सभी पदाधिकारियों, मंडल अध्यक्षों सहित महापौर व जिला अध्यक्ष को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी हैं। बंटवारे पर आपत्ति दर्ज करवाने के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों की उन समस्याओं व आपत्तियों की सूची तैयार कर रहे हैं, जिन्हें ठोस आधार पर कलेक्टर के सम्मुख रखा जाए। क्षेत्रों की दूरियों, जल-नल-सीवेज के बंटवारे से लेकर प्रशासनिक दिक्कतों और आम जन को होने वाली व्यावहारिक समस्याओं को कलेक्टर तरुण पिथोड़े के सामने पेश किया जाएगा। 17 अक्टूबर को भाजपा शहर में मशाल जुलूस निकाल कर विरोध करेगी। कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के खिलाफ भाजपा ने हस्ताक्षर अभियान भी चला रखा है, जो 20 अक्टूबर तक चलेगा। कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा आम लोगों को साथ लिया जाए।
नोटिफिकेशन पर आपत्ति, कहा- नहीं है कलेक्टर को अधिकार
दो नगर निगम बनाने को लेकर कलेक्टर तरुण पिथोड़े की तरफ 8 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन पर आपत्ति की गई है। वॉइस ऑफ भोपाल के सचिव विकास बोन्द्रिया ने बताया कि कलेक्टर ने अपनी अधिकारिता बताकर नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 405 (1) में नोटिफिकेशन जारी किया है। वैधानिक रूप से यह अधिकार राज्यपाल के पास है। धारा 405 (2) में कलेक्टर के पास लिखित आपत्ति प्रस्तुत किए जाने का उल्लेख है। आपत्ति पर विचार भी राज्यपाल करेंगे। धारा 405(3) अनुसार आपत्ति पर विचार पश्चात राज्यपाल ही विनिर्दिष्ट क्षेत्र को अपविर्जित कर सकेंगे। अत: यह अधिसूचना अधिकार क्षेत्र से बाहर होकर शून्य है। धारा 405(2) में उक्त क्षेत्र में अधिकारिता रखने वाले स्थानीय प्राधिकारी (लोकल अथॉरिटी ) को भी आपत्ति प्रस्तुत करने का अधिकार है।
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