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तो कोलार नहीं बन पाएगा नगर निगम, क्योंकि निगम के लिए चाहिए 40 वार्ड

locationभोपालPublished: Nov 14, 2019 10:00:39 pm

सरकार द्वारा नगर निगम व नगर पालिकाओं की सीमा बढ़ाने या नए गांव शामिल करने के लिए कलेक्टर को अधिकार देने के लिए जारी अधिसूचना पर हाईकोर्ट ने दिया है स्टे

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भोपाल. हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा नगर निगम व नगर पालिकाओं की सीमा बढ़ाने या नए गांव शामिल करने के लिए कलेक्टर को अधिकार देने के लिए जारी अधिसूचना पर स्टे दे दिया है। इसका असर भोपाल में दो नगर निगम पर भी होगा। यहां प्रस्तावित कोलार नगर निगम में फिलहाल 34 वार्ड है। नगर निगम के लिए कम से कम 40 वार्ड जरूरी है। परिसीमन नहीं हुआ तो 34 वार्डों के साथ कोलार नगर निगम नहीं बन पाएगा। गौरतलब है कि भोपाल की मौजूदा नगर निगम के 85 वार्डों में से 51 वार्ड नई भोपाल नगर निगम में शामिल किए, जबकि 34 वार्ड कोलार नगर निगम में है। अब इस पर सुझाव आपत्तियां आमंत्रित की गई थी। अब इनके आधार पर वार्डों का परिसीमन करना है। नगर निगम में फिलहाल न्यूनतम 40 वार्ड और अधिकतम 85 वार्ड तय है। ऐसे में हाईकोर्ट के स्टे से परिसीमन नहीं हो पाएगा। जब तक तय संख्या में वार्ड नहीं होंगे तो नए निगम का गठन भी संशय में आ जाएगा।
वार्डों में आबादी समेत अन्य जानकारियां जुटाने के निर्देश
भोपाल नगर निगम ने जोन अधिकारियों को अपने-अपने जोन क्षेत्र के वार्डों में आबादी समेत अन्य जानकारियां जुटाने के निर्देश जारी किए हैं। इनके आधार पर ही वार्डों को नए सिरे से पुनर्गठित करने का काम होगा। वार्ड पुनर्गठन के बाद फिर से इन्हें जारी कर सुझाव आपत्तियां आमंत्रित की जाएगी। इसके बाद दो नगर निगम और उनके वार्डों की सीमाओं को अंतिम स्वरूप देकर नोटिफिकेशन जारी होगा। लेकिन जब वार्डों का परिसीमन ही नहीं होगा तो दो नगर निगम का मामला अटक जाएगा।
दो नगर निगम को लेकर भाजपा—कांग्रेस आमने—सामने
भोपाल को दो नगर निगम में बांटने के प्रस्ताव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस शुरू से ही आमने सामने हैं। भाजपा नेता इस प्रस्ताव का शुरू से विरोध कर रही है। वहीं कांग्रेस नेताओं की दलील है कि भोपाल को दो नगर निगम में बांटने से वार्डों में विकास कार्य तेेजी से होंगे।
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