रोशनपुरा चौराहा पर ये स्थिति देखने को मिली। देश के अलग-अलग राज्यों और प्रान्तों की कई भाषाओं में यहां भोपाल का नाम लिखा गया था। इसके लिए बाकायदा अक्षर उकेरे गए और उन्हें दीवार पर सजाया गया। करीब तीन साल पहले ये काम हुआ था। लेकिन वर्तमान स्थित ये है कि कई अक्षर ही इसके गायब हो चुके हैं।
बाकी बचे है तो केवल वह हुक जिन पर उन अक्षरों को टांगा गया था।
अब कई लोग इन हुक्स को कपड़े टांगने और सुखाने के काम में ले रहे हैं। नगर निगम अमले की अनदेखी के कारण ये हालात बन रहे हैं। लोगों ने बताया कि इनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था। जिस कारण कुछ शब्द ही चोरी हो गए। इनकी जगह केवल हुक्स बचे हुए हैं।
अब कई लोग इन हुक्स को कपड़े टांगने और सुखाने के काम में ले रहे हैं। नगर निगम अमले की अनदेखी के कारण ये हालात बन रहे हैं। लोगों ने बताया कि इनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था। जिस कारण कुछ शब्द ही चोरी हो गए। इनकी जगह केवल हुक्स बचे हुए हैं।
लोगों ने कहा प्रयोग अच्छा किया जाए सुधार इस मामले में लोगों ने कहा कि ये एक अलग ही प्रयोग था। इसमें पूरे देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं की झलक देखने को मिलती है। इसमें सुधार किया जाना चाहिए। ताकि ये मेन्टेंन रह सके।
हुए थे पांच लाख रुपए खर्च नगर निगम नेे रोशनपुरा चौराहा, बेतवा अपॉर्टमेंट और शासकीय कमला नेहरु कन्या माध्यमिक विद्यालय टीटी नगर की बाउंड्रीवॉल पर पांच लाख रुपए सौंदर्यीकरण के नाम पर खर्च किए थे। इसके तहत म्यूरल वॉल पेटिंग और मैटल से भोपाल का नाम अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, मराठी, बंगाली, पंजाबी, तमिल, असमिया, कोंकणी, मलयाली, उडिय़ा, कन्नड़ सहित 12 भाषाओं में लिखा गया था। बाकी भाषाओं के फेर में नगर निगम इन सभी भाषाओं के साथ हिन्दी में नाम लिखना ही भूल गया था।