विभाग- कृषि, किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय
अनुभव- नरेन्द्र सिंह तोमर लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में भी इन्हें कैबिनेट में जगह मिली थी। मोदी सरकार के पहले टर्म में जुलाई 2016 से मई 2019 तक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय संभाला चुके हैं। इस बार भी इन्हें यही मंत्रालय मिला है। इसके साथ ही उन्हें देश का कृषि मंत्री बनाया गया है। नरेन्द्र सिंह तोमर पेशे किसान हैं इसी कारण से उन्हें कृषि मंत्रालय दिया गया है। पीएम मोदी का लक्ष्य है कि 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करना है।
थावरचंद गहलोत
विभाग- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
अनुभव- मध्यप्रदेश के कदादावर नेता हैं। मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता है। गहलोत 1996 से 2009 तक लोकसभा के भी सदस्य रह चुके हैं। मौजूदा समय में राज्यसभा से सांसद हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी इसी विभाग के मंत्री थे। लिहाजा दूसरे कार्यकाल में भी इनको यही कार्यकाल दिया गया है। इनके पास इस विभाग का अनुभव है। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार आर्थिक आधार पर गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का एलान किया था। थावरचंद गहलोत ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। वहीं, एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भी थावचंद गहलोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
फग्गन सिंह कुलस्ते
विभाग- इस्पात मंत्रालय में राज्यमंत्री
अनुभव- मध्यप्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से छठी बार चुनाव जीते फग्गन सिंह कुलस्ते पार्टी के बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं। महाकौशल क्षेत्र में आदिवासी नेता के रूप में इनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में भी मंत्री थे। इस बार इन्हें देश के इस्पात मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। इस्तात मंत्रालय के रूप में उनके पास अनुभव है। फग्गन सिंह कुलस्ते 2004 से 2009 और सितंबर 2014 से जुलाई 2016 तक कोयला और इस्पात समिति के सदस्य रहे हैं।
विभाग- पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय
अनुभव- प्रहलाद पटेल के अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे। इस बार इन्हें मोदी कैबिनेट में भी जगह मिली है। दमोह लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला राज्य मंत्री थे। इस बार उन्हें पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रहलाद सिंह पटेल के पास पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय का कोई अुनभव नहीं है।