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नर्मदानंद-भय्यूजी ने राज्यमंत्री के दर्जे का मोह त्यागा

locationभोपालPublished: Apr 18, 2018 09:50:59 am

Submitted by:

dinesh Binole

कंप्यूटर बाबा व योगेंद्र महंत बोले- हम तो लेंगे सुविधाएं

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computer baba

भोपाल . नर्मदा संरक्षण समिति में शामिल किए गए पांच बाबाओं में से नर्मदानंद और भय्यूजी महाराज ने राज्यमंत्री के दर्जे का मोह त्याग दिया है। समिति पर उठे विवादों के बाद दोनों बाबाओं ने मंगलवार को घोषणा की कि वे बिना पद और सुख-सुविधा के नर्मदा की सेवा करते रहेंगे। समिति में शामिल दो अन्य कम्प्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत ने राज्यमंत्री की सुविधाएं ठुकराने से इनकार करते हुए कहा कि कोई पद छोड़े या नहीं हम तो नर्मदा के लिए अभियान शुरू कर चुके हैं। राज्य सरकार ने नर्मदा संरक्षण के लिए समिति गठित कर तीन अपै्रल को पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इसमें अमरकंटक के हरिहरानंद महाराज भी हैं। विवाद उठने के बाद सरकार ने इन बाबाओं को राज्यमंत्री की सुविधाएं देने से हाथ खींच रखा है। एक पखवाड़ा होने के बावजूद इन्हें बंगला और गाड़ी उपलब्ध कराने के आदेश जारी नहीं किए हैं।

बाबा फर्जी, मैं हूं संत
यह पद बिना पूछे दिया है। जिन लोगों के साथ समिति में शामिल किया है, वे न मेरे साथी हैं और न ही उन्हें जानता हूं। ऐसे लोगों के साथ मुझे नहीं जोडऩा था। मैं तो साधु हूं, मुझे पद और सुविधा नहीं चाहिए। -नर्मदानंद महाराज
न पद चाहिए न सुविधा
मुझे न तो पद की जरूरत है और न ही सुविधाओं की। पहले दिन से ही कह रहा हूं कि मन, बुद्धि और विवेक को स्पर्श नहीं करना है। मैंने कार्य योजना तैयार की है। इसे जल्द ही सरकार को भेजूंगा। -भय्यूजी महाराज
कुछ विघ्नसंतोषी मेरे पीछे भी
हमारे लिए संत पूज्य होता है। सभी संत एक समान हंै। मैंने तो नर्मदा सेवा का अपना काम शुरू कर दिया है। कौन क्या बोल रहा है, यह उनका मामला है। वे हमारे साथ नहीं बैठना चाहते है तो कोई बात नहीं, मैं तो नर्मदा की सेवा के लिए सबके साथ बैठूंगा। कुछ विघ्नसंतोषी मेरे पीछे भी पड़े थे कि मैं पद छोड़ दूंं।
-कम्प्यूटर बाबा
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कोई उन्हें भड़का रहा
हम नर्मदा संरक्षण के लिए काम करना चाहते हैं। इसके लिए हमें सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है, वह स्वीकार्य है। इससे हमें जिम्मेदारियों के साथ शक्तियां भी मिलेंगी। हम बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे। यह नर्मदा के हित में है। हो सकता है कोई दूसरे संतों को भड़का रहा हो, इसलिए पद छोडऩे की बात कह रहे हैं।
– पंडित योगेन्द्र महंत

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