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राज्यपाल पटेल बोले- प्रदेश की जनजातियों से सम्बन्धित विषयों पर भी हो फिल्मों का निर्माण

locationभोपालPublished: Aug 14, 2022 09:24:29 pm

Submitted by:

shyam singh tomar

– प्रदेश में पहली बार हो रहे राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव-2022 के 12वें संस्करण का आमंत्रण राज्यपाल मंगुभाई पटेल को भी दिया गया- राज्यपाल ने कहा- अनुसूचित जनजातियों के जीवन को काफी बारीकी से वैज्ञानिक तथ्यों के साथ देखने होगा- जनजातीय फिल्म मेकर युवा-छात्र, प्रदेश के जनजातीय छात्रों को सिखाएंगे कैसे बनाएं फिल्में

राज्यपाल पटेल बोले- प्रदेश की जनजातियों से सम्बन्धित विषयों पर भी हो फिल्मों का निर्माण

राज्यपाल पटेल बोले- प्रदेश की जनजातियों से सम्बन्धित विषयों पर भी हो फिल्मों का निर्माण

भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार हो रहे राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव-2022 के 12वें संस्करण का आमंत्रण राज्यपाल मंगुभाई पटेल को भी दिया गया है। रविन्द्र भवन में 22 से 26 अगस्त के बीच होने वाले इस उत्सव को लेकर मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी और विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक व आयोजन के राष्ट्रीय समन्वयक निमिष कपूर ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल को कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देकर पधारने के लिए कहा। इस अवसर पर मंगुभाई पटेल ने कहा कि मप्र में अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र हैं, जिनसे सम्बन्धित विषयों पर भी फिल्मों का निर्माण होना चाहिए। झाबुआ में सिकल सेल रोग के प्रति वैज्ञानिक जागरूकता जरूरी है। वर्तमान में फिल्में प्रचार का सशक्त माध्यम हैं, अत: अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित विषयों पर जनजागरूकता की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के जीवन को काफी बारीकी से वैज्ञानिक तथ्यों के साथ देखने होगा। उनमें पोषण आहार, जीवन शैली, शिक्षा, पारम्परिक ज्ञान, वैज्ञानिक विकास जैसे विषयों पर कार्य करना होगा। इसके लिए ऐसे आयोजन जरूरी हैं।
मेपकास्ट कर रहा अजा-जनजातियों के लिए प्रयास, कई योजनाओं पर काम
मालूम हो कि मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट) और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की संस्था विज्ञान प्रसार की ओर संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ. अनिल कोठारी ने राज्यपाल को अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए किए जा रहे वैज्ञानिक प्रयासों, योजनाओं की जानकारी प्रदान की। निमिष कपूर ने राज्यपाल को फिल्मोत्सव के उद्ेश्य और भविष्य की रणनीति के बारे में बताया। इस दरमियान मेपकास्ट के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं परिषद् की ओर से आयोजन में समन्वयक डॉ. विवेक कटारे, मेपकास्ट के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डीके सोनी और प्रधान वैज्ञानिक और जनसंपर्क अधिकारी विकास शेन्डे भी उपस्थित थे।
फिल्म मेकिंग के एक्सपर्ट बच्चे दूसरों को देंगे विधा का ज्ञान
इस आयोजन में देश-प्रदेश के जनजातीय वर्ग के युवा और स्कूली छात्र-छात्राएं भी पहुंच रहे हैं। इन्होंने भी पांचों श्रेणियों डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट, एनिमेशन, डॉक्यू ड्रामा, साइंस फिक्शन तहत फिल्में बनाई हैं और प्रदर्शन के लिए चुनी भी गई हैं। ये सभी छात्र पूर्ण रूप से फिल्म मेकिंग की विधा में प्रशिक्षत हैं। इनके माध्मय से प्रदेश के जनजातीय वर्ग के ऐसे बच्चे जो विज्ञान फिल्म निर्माण क्षेत्र में रुचि रखते हैं, उनको प्रशिक्षण दिलाएंगे। जरूरी होने पर तकनीकी ज्ञान भी दिलाया जाएगा।
मेपकास्ट मोबाइल से फिल्म मेकिंग के लिए देता है प्रशिक्षण
कोशिश है कि भविष्य में राष्ट्रीय विज्ञान फिल्मोत्सव की तर्ज पर प्रदेश का अपना अलग से फिल्म उत्सव हो। इसमें खांटी राज्य के कृषि, पर्यावरण, जनजातीय जीवन और पंरपरागत ज्ञान जैसे विषयों को लिया जाएगा। प्रदर्शन के बाद अच्छी फिल्में पुरस्कृत भी होंगी। दूसरा, मौजूदा उत्सव में युवा और स्कूली छात्र आएंगे, उनकी फिल्मों के लिए आउट ऑफ बॉक्स और इंद्रधनुष दो कैटेगरी हैं। मेपकास्ट ने पूर्व में मोबाइल से सांइस फिल्म मेकिंग की वर्कशॉप इंदौर, उज्जैन और भोपाल में की है। खासतौर पर जहां विज्ञान मेले लगते हैं, वहां। मेपकास्ट के पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी नवाचार करने वालों को वित्तीय और तकनीकी सहायता के लिए भी योजना है। इसके लिए आवेदन भरकर देना होगा।

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