मालूम हो कि मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट) और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की संस्था विज्ञान प्रसार की ओर संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ. अनिल कोठारी ने राज्यपाल को अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए किए जा रहे वैज्ञानिक प्रयासों, योजनाओं की जानकारी प्रदान की। निमिष कपूर ने राज्यपाल को फिल्मोत्सव के उद्ेश्य और भविष्य की रणनीति के बारे में बताया। इस दरमियान मेपकास्ट के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं परिषद् की ओर से आयोजन में समन्वयक डॉ. विवेक कटारे, मेपकास्ट के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डीके सोनी और प्रधान वैज्ञानिक और जनसंपर्क अधिकारी विकास शेन्डे भी उपस्थित थे।
इस आयोजन में देश-प्रदेश के जनजातीय वर्ग के युवा और स्कूली छात्र-छात्राएं भी पहुंच रहे हैं। इन्होंने भी पांचों श्रेणियों डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट, एनिमेशन, डॉक्यू ड्रामा, साइंस फिक्शन तहत फिल्में बनाई हैं और प्रदर्शन के लिए चुनी भी गई हैं। ये सभी छात्र पूर्ण रूप से फिल्म मेकिंग की विधा में प्रशिक्षत हैं। इनके माध्मय से प्रदेश के जनजातीय वर्ग के ऐसे बच्चे जो विज्ञान फिल्म निर्माण क्षेत्र में रुचि रखते हैं, उनको प्रशिक्षण दिलाएंगे। जरूरी होने पर तकनीकी ज्ञान भी दिलाया जाएगा।
कोशिश है कि भविष्य में राष्ट्रीय विज्ञान फिल्मोत्सव की तर्ज पर प्रदेश का अपना अलग से फिल्म उत्सव हो। इसमें खांटी राज्य के कृषि, पर्यावरण, जनजातीय जीवन और पंरपरागत ज्ञान जैसे विषयों को लिया जाएगा। प्रदर्शन के बाद अच्छी फिल्में पुरस्कृत भी होंगी। दूसरा, मौजूदा उत्सव में युवा और स्कूली छात्र आएंगे, उनकी फिल्मों के लिए आउट ऑफ बॉक्स और इंद्रधनुष दो कैटेगरी हैं। मेपकास्ट ने पूर्व में मोबाइल से सांइस फिल्म मेकिंग की वर्कशॉप इंदौर, उज्जैन और भोपाल में की है। खासतौर पर जहां विज्ञान मेले लगते हैं, वहां। मेपकास्ट के पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी नवाचार करने वालों को वित्तीय और तकनीकी सहायता के लिए भी योजना है। इसके लिए आवेदन भरकर देना होगा।