यह भी कहा जाता है कि जो भक्त नवरात्र के दौरान माता की गर्दन को सीधा होते हुए देख लेता है उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। यह मूर्ति मां काली की है जो कंकाली मंदिर में विराजमान है।
नवरात्र में होती है विशेष आराधना
रायसेन जिले के गुदावल गांव में है मां काली का प्रचीन मंदिर। यहां मां काली की 20 भुजाओं वाली मूर्ति के साथ भगवान ब्रम्हा, विष्णु और महेश की प्रतिमाएं विराजमान हैं। वैसे तो यहां सालभर ही भक्तों की भीड़ लगती है, लेकिन नवरात्र में ज्यादा भीड़ उमड़ती है।
सूनी गोद भर देती है मां काली
-मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में माता की लगभग 45 डिग्री झुगी गर्दन कुछ पलों के लिए सीधी हो जाती है, यह चमत्कार देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
-देवी धाम के महंत मंगल दास त्यागी बताते हैं कि मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि जिन माता-बहनों की गोद सूनी होती है, वह श्रृद्धाभाव से यहां उल्टे हाथ लगाती हैं उनकी मान्यता अवश्य पूरी होती है।
अनोखी है यहां की प्राकृतिक छटा
कंकाली मंदिर रायसेन रोड पर स्थित बिलखिरिया गांव से कुछ ही दूरी पर जंगल के बीच बना हुआ है। मंदिर के चारो लगे हरे-भरे पेड़ पौधे यहां सबसे बड़ा आकर्षण है।