भोपाल। इस बार तिथियों के घटने- बढऩे के कारण पितृपक्ष में जहां एक दिन में दो श्राद्ध होंगे, वहीं दूसरी ओर नवरात्र में एक तिथि दो दिन तक विद्यमान रहेगी। इसके कारण श्राद्धपक्ष जहां 16 दिन के बजाए 15 दिन के होंगे, वहीं नवरात्र 9 के बजाय दस दिन के होंगे। 16 सितंबर से पितृपक्ष पितृपक्ष पखवाड़ा 16 सितम्बर से शुरू हो रहा है, जो 30 सितम्बर तक रहेगा। आमतौर पर यह पखवाड़ा 15 दिन का होता है, जिसमें पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक अलग-अलग तिथियों पर श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, इसी प्रकार 16वें दिन सर्वपितृमोक्ष अमावस्या होती है। navratri” align=”dassehra” margin-left=”bhopal” margin-right=”mp2016″> इस दिन सभी प्रकार के पूर्वज जिनकी तिथि अज्ञात भी हो, तो उनके निमित्त भी तर्पण किया जाता है। इस बार पितृमोक्ष अमावस्या 16 वें के बजाए 15 वें दिन ही आ रही है। इसलिए पितृपक्ष में एक दिन कम रहेगा। इसी प्रकार नवरात्र में एक ही तिथि दो दिनों तक विद्यमान रहेगी, इसलिए नवरात्र नौ के बजाए दस दिनों के होंगे। दो दिन पूजी जाएगी ब्रह्मचारिणी ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम ने बताया कि दस दिन के नवरात्र काफी शुभ माने गए हैं। इस बार नवरात्र में किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है, बल्कि पूरी तिथियां विद्यमान है। नवरात्र में इस बार द्वितीया तिथि दो दिन मौजूद रहेगी। 1 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू नवरात्र एक अक्टूबर से शुरू होंगे और 2 और 3 अक्टूबर को द्वितीया तिथि मौजूद रहेगी, इसलिए दोनों ही दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी। इसी प्रकार पितृपक्ष मंे 24 सितम्बर को अष्टमी और नवमी श्राद्ध एकसाथ होगा। इसलिए पितृपक्ष पखवाड़ा एक दिन कम और नवरात्र एक दिन अधिक होगा। ग्यारहवें दिन मनेगा दशहरा पं. धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार इस बार नवरात्र दस दिन के होंगे और दशहरा उत्सव ग्यारहवंे दिन मनाया जाएगा। तिथि के घटने और बढऩे के कारण इस तरह की स्थितियां बन रही हैं। दो साल पहले भी नवरात्र दस दिन के थे, वर्ष 2014 में भी नवरात्र में एक तिथि में बढ़ोतरी होने के कारण दस दिन के नवरात्र की स्थिति बनी थी।