औबेदुल्लागंज की एक बेटी भोपाल की महिलाओं को भी योग सिखाते हुए नियमित योगाभ्यास करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। औबेदुल्लागंज के हिरानिया निवासी नीलम की शादी भोपाल में हुई है। नीलम औबेदुल्लागंज में शिक्षिका रही हैं और अब भोपाल में महिलाओं को योग सिखाती हैं। नीलम शर्मा नेहरू नगर में चार साल से महिलाओं को योग सिखा रही है। वह रोजाना 50 महिलाओं को प्राणयाम, सूर्यनमस्कार व योग आसन सिखाती हैं। नीलम से योगा सीखने 14 साल से लेकर 74 साल तक की बुजुर्ग महिलाएं आती हैं। इसमें पुलिस, डॉक्टर, शिक्षिका, इंजनियर, गृहिणी महिलाएं शामिल हैं। अब तक वह करीब तीन सौ महिलाओं को योग सिखा चुकी हैं।
बीमारी होती है दूर
नीलम शर्मा बताती हैं कि योगा करने से कई महिलाओं की थाइराइडर, नींद ना आना, मानसिक बीमारी व अन्य शरीरिक समस्याओं का समाधान हुआ है। नीलम कहती हैं कि यदि हमें डॉक्टर, अस्पताल व आर्थिक खर्च से बचना है तो योग को जीवन में शामिल करना चाहिए।
महिलाओं के लिए संदेश
नीलम शर्मा, नेहरू नगर, भोपाल का कहना है कि महिलाएं सुबह एक घंटा सूर्य नमस्कार, प्राणायाम व अन्य योगाभ्यास करें। ताकि स्वस्थ रह सके। जब आप स्वस्थ व खुश रहेंगी, तो अपने परिवार को भी खुश व स्वस्थ रख जाएंगी।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। 11 दिसंबर 2014 को इस बात की घोषणा की गई कि हर साल 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा। दरअसल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त महासभा में दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का ऐलान किया।