मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं की मौजूदगी में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इन विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा नीट 2017 में प्राप्त अंकों के आधार पर आरकेडीएफ में विभिन्न दिनांकों में हुई काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेश दिया गया। उन्होंने कहा कि इसी तरह की स्थितियां दो बार गुजरात और एक बार हरियाणा राज्य में भी हुई थीं, तो उस दौरान इन सरकारों ने अपने राज्यों के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिए थे।
मध्यप्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय के पारित आदेश की अवमानना क्यों और किसलिए कर रही है? कॉलेज में खामियों के चलते मान्यता समाप्त कर दी गई तो इसमें विद्यार्थियों का क्या दोष है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए विद्यार्थियों को अन्य कॉलेजों में प्रवेश दिया जाए और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पत्रकारों से चर्चा के बाद कांग्रेस प्रवक्ता के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन से मुलाकात की। मंत्री ने उनकी समस्या का शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया। कांग्रेस प्रवक्ता छात्र-छात्राओं के साथ मंत्री के बंगले पर पहुंचे तो वे कैबिनेट बैठक में थे। सूचना पर मंत्री वहां पहुंचे और पीडि़तों से मुलाकात की।