भोपाल

PM रहते इनसे मिलने नेहरू आए थे 18 बार भोपाल, जानिए क्या थी वजह ?

पुण्यतिथि पर जानिए, भोपाल से जुड़े नेहरू जी के वह किस्से जो आपको चौका देंगे।

भोपालMay 27, 2022 / 05:02 pm

Hitendra Sharma

भोपाल. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज पुण्यतिथि है। 57 साल पहले दिल का दौरा पड़ने से जवाहरलाल नेहरू का निधन हुआ था। 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू ने अंतिम सांस ली थी। उनकी पुण्यतिथि पर देश उनको नमन कर रहा है, देश की जनता नेहरू को कई वजहों से याद करते है जैसे राजनीतिक जीवन, निजी जीवन या उनकी आकर्षित लाइफस्टाइल, तो आज आपको ऐसे ही उनसे जुड़े भोपाल के किस्सों के बारे में आपको बताते हैं।

भोपाल से था गहरा लगाव
जब जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बन चुके थे। उनका मध्य प्रदेश के भोपाल से बहुत गहरा लगाव था। उन्हीं की वजह से भोपाल को राजधानी बनाया गया था। पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा उनके बहुत करीबी हुआ करते थे, बताया जाता है कि नेहरू उनसे मिलने साल में दो बार भोपाल आते थे। भोपाल रियासत के नवाबों से भी उनकी बहुत अच्छी दोस्ती हुआ करती थी। एक रिकॉर्ड के मुताबिक, प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहरलाल नेहरू भोपाल में 18 से ज्यादा बार आए थे। इसी से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनको झीलों का यह शहर का कितना प्रिय था।

सिगरेट के लिए उड़ा था विमान
तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू भोपाल आए हुए थे और जब राजभवन में यह पता चला कि नेहरूजी की फेवरेट ब्रांड 555 सिगरेट भोपाल में नहीं मिल रही है। तो सब परेशान हो गए, नेहरू खाने के बाद सिगरेट पीते थे। फिर क्या था आनन फानन में भोपाल से इंदौर एक विशेष विमान भेजा गया और इंदौर एयरपोर्ट से सिगरेट के कुछ पैकेट लेकर वापस भोपाल लौटा। इस घटना का जिक्र मध्य प्रदेश राजभवन की वेबसाइट पर आज भी उपलब्ध है।

राजभवन छोड़ चिकलोद कोठी में रुके थे नेहरू
बताया जाता है कि जवाहरलाल नेहरू भोपाल आए तो भोपाल के नवाब की बेगम के अनुरोध पर उनकी चिकलोद स्थित कोठी पर रुक गए। यह देखकर एमपी दूसरे राज्यपाल हरि विनायक पाटस्कर बहुत हैरान हुए। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू से कहा कि पीएम की अधिकारिक यात्रा हैं, इसलिए पीएम के ठहरने के लिए राजभवन से उपयुक्त कोई और जगह नहीं हो सकती है। भोपाल शहर के पास ही जंगल में स्थित चिकलोद कोठी नेहरू जी को बहुत पसंद थी। बताया जाता है कि भोपाल नवाब इस कोठी में नहरू शिकार खेलने के लिए आते थे। यहां से सटे जंगलों में वे शिकार खेलने के लिए भी जाते थे।

 

मध्य प्रदेश राजभवन की वेबसाइट पर जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी एक अन्य घटना का ब्यौरा भी दर्ज है। इसके मुताबिक, राज्यपाल हरि विनायक पाटस्कर के कार्यकाल के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जबलपुर में हुए दंगों की वजह से तत्कालीन मुख्यमंत्री केएन काटजू की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी। इस आलोचना से नाराज पाटस्कर ने प्रधानमंत्री को लिखा कि कानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है, संघीय ढांचे के अंतर्गत प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री को दोषी नहीं ठहरा सकते, इसलिए केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इसे किसी राज्यपाल द्वारा उठाया गया अभूतपूर्व कदम माना जाता है।

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