उल्लेखनीय है कि नेहरू नगर चौराहे पर लेफ्ट टर्न नहीं होने और रोटरी बड़ी होने के कारण ट्रैफिक बुरी तरह बाधित हो रहा था। लोगों को वाहन निकालने तो क्या, पैदल गुजरने के लिए भी इंतजार करना पड़ता था। चौराहे के पास शराब अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानें स्थित होने से अंडे, मूंगफली, नमकीन व सब्जी-सलाद के कई ठेल भी लगते थे। क्षेत्रीय पार्षद संतोष कसाना ने काफी प्रयास कर तत्कालीन निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से चौराहा निर्माण के लिए तीस लाख रुपए का प्रस्ताव कराया।
बकौल संतोष कसाना, इस कार्य के लिए २८ लाख रुपए का टेंडर पारित हुआ। पूरी प्रक्रिया के बाद निर्माण कार्य ठेकेदार को सौंप दिया गया। छह महीने पहले क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इस कार्य का भूमिपूजन भी किया। छह महीने के बाद भी काम नहीं हुआ तो फिर आवाज उठी। अब नए सहायक यंत्री-सिविल इस कार्य को आगामी दो माह में पूरा कराने की बात कह रहे हैं। इस मामले में दोषी ठेकेदार पर अभी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं तय की गई।
ये होने थे काम
नेहरू नगर चौराहे पर मौजूदा रोटरी ढहाकर छोटा करके लेफ्ट टर्न बनाने थे, जिससे ट्रैफिक सुगम हो सके। फाउंटेन और वर्टिकल वॉल बनाकर सौंदर्यीकरण करना था। सेंट्रल वर्ज की चौड़ाई कम करनी थी। रोटरी छोटी करने और सेंट्रल वर्ज या डिवाइडर की चौड़ाई कम करने से बची जगह को सड़क से जोडऩा था, जिससे ट्रैफिक आराम से संचालित किया जा सके।
तममा प्रयासों के बाद तत्कालीन नगर आयुक्त छवि भारद्वाज से मैंने यह काम सेंक्शन कराया था। काम न होने से लोग परेशान हैं। काम न करने वालों को दंडित करना चाहिए।
– संतोष कसाना, स्थानीय पार्षद
मैं हाल ही में आया हूं। इससे पूर्व काम किसके हाथ में था, काम न होने के लिए कौन दोषी है, इस बारे में कुछ नहीं बता सकता। मैंने यह काम हाथ में लिया है और अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण कार्य २२ लाख रुपए की अनुमानित लागत से होने हैं।
– आरके गुप्ता, एई-सिविल, नगर निगम