बता दें, सरकारी कॉलेजों में सालों से पढ़ाते आ रहे अतिथि विद्वान पिछलें 36 दिनों से शाहजहांनी पार्क में नियमितीकरण के लिए आंदोलन कर रहे हैं। एमपी पीएससी से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति होने से कॉलेजों से बाहर हो चुके अतिथि विद्वानों को उ’च शिक्षा विभाग द्वारा दोबारा से कार्य सौंपने की प्रक्रिया शुरू की जा रही थी इस बीच हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने ऐसे नए बेरोजगार युवाओं को अतिथि विद्वानों की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए थे। वहीं अतिथि विद्वानों का कहना है कि यदि ‘वाइस फिलिंग में नए उम्मीदवारों को शामिल किया जाता है तो अतिथि विद्वान दाने-दाने को मोहताज हो जाएगी।