इतना ही नहीं, पीएचई कंपनी स्मार्टसिटी की कंसल्टेंट कंपनी प्राइज वाटर कूपर की साझेदार है और एेसी स्थिति में काम पर पर्याप्त मॉनिटरिंग करना संभव नहीं होता, बावजूद इसके काम दे दिया गया। बीएसएनएल समेत अन्य भागीदारी कंपनियों ने स्मार्टसिटी से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक इस गड़बड़ी की लिखित शिकायत की है। सरकारी कंपनी पर निजी कंपनी को महत्व देने का स्मार्ट सिटी कारपोरेशन पर आरोप लगा हैं। निजी कंपनी के लिए फायनेंशियल बिड एक्सटरनल मेंबर के साइन के बिना ही खोल ली गई थी। इसमें डाइट और आईआईटी मुंबई एक्सटरनल मेंबर हैं, लेकिन फायनेंशियल बिड में दोनों के हस्ताक्षर नहीं हैं।
535 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी :
बोर्ड की बैठक कलेक्टर व कंपनी चेयरमैन सुदाम पी. खाड़े की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी के गोविंदपुरा स्थित कार्यालय में हुई। खाड़े ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रोजेक्ट तैयार करने का सुझाव दिया। बैठक में कुल 535 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली।
बोर्ड की बैठक कलेक्टर व कंपनी चेयरमैन सुदाम पी. खाड़े की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी के गोविंदपुरा स्थित कार्यालय में हुई। खाड़े ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रोजेक्ट तैयार करने का सुझाव दिया। बैठक में कुल 535 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली।
इन्हें मिली मंजूरी :
प्रदेश की सातों स्मार्ट सिटीज के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का काम एचपीई को देने की मंजूरी दी गई। 204 करोड़ रुपए की लागत के एफ व जी टाइप शासकीय आवास प्रोजेक्ट का काम यशनंद इंजी. अहमदाबाद गुजरात को मिला है। यह कंपनी 186 करोड़ में प्रोजेक्ट को पूरा करेगी। सरकारी आवासों के निर्माण के लिए 11 कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था।
इंटेलीजेट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम भोपाल को देने की मंजूरी दी गई। आईटीएमएस प्रोजेक्ट की लागत 20 करोड़ रुपए थी। कंपनी ने 17 करोड़ रुपए में ठेका लिया है। इक्यूबेशन सेंटर के इंटीरियर एवं एक्सटीरियर वर्क का टेंडर एमकेएम एसोसिएट्स भोपाल को 2.96 करोड़ रुपए में प्राप्त हुआ।
प्रदेश की सातों स्मार्ट सिटीज के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का काम एचपीई को देने की मंजूरी दी गई। 204 करोड़ रुपए की लागत के एफ व जी टाइप शासकीय आवास प्रोजेक्ट का काम यशनंद इंजी. अहमदाबाद गुजरात को मिला है। यह कंपनी 186 करोड़ में प्रोजेक्ट को पूरा करेगी। सरकारी आवासों के निर्माण के लिए 11 कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था।
इंटेलीजेट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम भोपाल को देने की मंजूरी दी गई। आईटीएमएस प्रोजेक्ट की लागत 20 करोड़ रुपए थी। कंपनी ने 17 करोड़ रुपए में ठेका लिया है। इक्यूबेशन सेंटर के इंटीरियर एवं एक्सटीरियर वर्क का टेंडर एमकेएम एसोसिएट्स भोपाल को 2.96 करोड़ रुपए में प्राप्त हुआ।
मुझे कोई आपत्ति नहीं है इसलिए ही कंपनी को काम की मंजूरी दी गई। कंपनी से कुछ दस्तावेज मांगे थे, जो प्रदान कर दिए गए।
– सुदाम पी. खाड़े, कलेक्टर व चेयरमैन स्मार्टसिटी बोर्ड
– सुदाम पी. खाड़े, कलेक्टर व चेयरमैन स्मार्टसिटी बोर्ड