कमलनाथ सरकार ने पिछले 9 महीने में प्रदेश का माहौल औद्योगिकीकरण और निवेशकों के अनुकूल बनाने में बहुत प्रयास किया है। कारोबारी सुगमता में सुधार कर सरकार ने कोशिश की है कि नागरिक सेवाओं की तरह कारोबारियों की समस्याओं की सुनवाई भी जल्द से जल्द हो। प्रदेश में इसके परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं। इन्वेस्टर मीट के पहले ही निवेशकों ने प्रदेश में बड़े निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने से रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे और युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा।
ये है कारोबारी सुगमता :
कारोबारी सुगमता का आकलन कई मानकों के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के तौर पर नये निवेश को प्रदेश में किस तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। नई परियोजना को सरकार की ओर से मंजूरी मिलने में कितना समय लग रहा है। या फिर सरकार किस प्रकार उद्योगों को विशेष रियायतें दे रही है। प्रदेश इन तमाम मानकों पर लागातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। विश्व बैंक और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्धन विभाग यानी डीपीआईआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कारोबारी सुगमता के मामले में मध्यप्रदेश,देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल है। कारोबारी प्रस्तावों के क्रियान्वयन के मानकों के अनुसार प्रदेश का अनुपालन 95 प्रतिशत है।
उद्योगों को प्रदेश में ये सुविधाएं :
– सरकार ने पोर्टल के जरिए निवेशकों को सिंगल विंडो की सुविधा दी है। निवेशकों को अब अलग-अलग विभागों में जाने की जरुरत नहीं है। अब वे एक ही स्थान पर भूमि आवंटन समेत सभी अनुमतियां और रियायतें हासिल कर सकते हैं। परियोजना के विस्तार या नवीनीकरण का काम भी यहीं से हो सकता है। वर्तमान में 8 विभागों की 32 सेवाओं का लाभ इन्वेस्ट पोर्टल के माध्यम से लिया जा सकता है।
– प्रदेश में उद्योगों के लिए पर्याप्त मात्रा में जमीन उपलब्ध है। इंदौर के पास पीथमपुर, भोपाल के मंडीदीप, ग्वालियर के मालनपुर इंडिस्ट्रयल एरिया के अलावा भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में लैंड बैंक बनाये गये हैं जिन्हें जरूरत पडऩे पर कारोबारियों को आवंटित किया जा सकता है। मप्र औद्योगिक विकास निगम के पास कुल 1.20 लाख एकड़ जमीन उपलब्ध है।
– सरकार उद्यमियों को पूंजीगत रियायतें भी प्रदान कर रही है। प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने वाले कारोबारी हों या स्टार्ट अप और एसएमई कारोबारी, सरकार उन्हें विभिन्न बुनियादी सुविधाओं के लिए पूंजीगत रियायत प्रदान करती है। उपक्रम लगाने वालों को स्टांप शुल्क से मुक्ति और निशुल्क बिजली उपलब्ध कराने का प्रावधान भी प्रदेश सरकार ने किया है। उद्योगों को मूल निवेश राशि के 10 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जाती है। बड़े उद्योगों के लिए यह राशि 10 प्रतिशत और छोटे उद्योगों के लिए 40 प्रतिशत है।