ग्रामीण क्षेत्रों को छात्रों को होगा फायदा गांधी मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.़ राकेश मालवीय ने बताया कि यह काम कठिन जरूर है लेकिन सही तरीके से किया जाए तो असंभव नहीं है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को ज्यादा फायदा होगा। कई छात्र हिंदी मीडियम से होते हैं और अंग्रेजी में कमजोर होते हैं। उन्हें एमबीबीएस के दौरान दो साल अंग्रेजी समझने में ही लग जाते हैं।
नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यपुस्तकें मातृभाषा में तैयार होगी। स्कूली शिक्षा की किताबों को द्विभाषी किया जाएगा। इसमें छात्र को हिंदी या अंग्रेजी की अनिवार्यता नहीं रहेगी। वह अपनी सुविधानुसार मनपसंद भाषा में तैयार किताब से पढ़ाई कर सकेगा। इससे उसे एक से अधिक भाषाओं की जानकारी भी होगी।