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अंग्रेजी नहीं बनेगी बाधा, मातृभाषा में होगी पढ़ाई

locationभोपालPublished: Feb 09, 2020 02:00:10 am

Submitted by:

Bharat pandey

नई शिक्षा नीति: गांधी मेडिकल कॉलेज में 15 फीसदी छात्रों को अंग्रेजी के चलते लगा बैक

अंग्रेजी नहीं बनेगी बाधा, मातृभाषा में होगी पढ़ाई

अंग्रेजी नहीं बनेगी बाधा, मातृभाषा में होगी पढ़ाई

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज में पिछले सत्र में एमबीबीएस फस्र्ट इयर में करीब 15 फीसदी छात्रों को बैक लगा। कॉलेज प्रबंधन की पड़ताल में सामने आया कि ये छात्र अंग्रेजी भाषा के चलते परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके। ये हाल जीएमसी ही नहीं, प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के हैं।

इस परेशानी को दूर करने केन्द्र सरकार मेडिकल की पढ़ाई अब मातृभाषा में कराने की तैयारी कर रही है। जल्द जारी होने वाली नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। इसमें मेडिकल और इंजीनियरिंग सहित स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है, पुस्तकों को मातृभाषा में इसमें मेडिकल और इंजीनियरिंग सहित स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पुस्तकों को मातृभाषा में ट्रांसलेट किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों को छात्रों को होगा फायदा

गांधी मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.़ राकेश मालवीय ने बताया कि यह काम कठिन जरूर है लेकिन सही तरीके से किया जाए तो असंभव नहीं है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को ज्यादा फायदा होगा। कई छात्र हिंदी मीडियम से होते हैं और अंग्रेजी में कमजोर होते हैं। उन्हें एमबीबीएस के दौरान दो साल अंग्रेजी समझने में ही लग जाते हैं।
मातृभाषा के अलावा होगी अन्य भाषा की भी जानकारी
नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यपुस्तकें मातृभाषा में तैयार होगी। स्कूली शिक्षा की किताबों को द्विभाषी किया जाएगा। इसमें छात्र को हिंदी या अंग्रेजी की अनिवार्यता नहीं रहेगी। वह अपनी सुविधानुसार मनपसंद भाषा में तैयार किताब से पढ़ाई कर सकेगा। इससे उसे एक से अधिक भाषाओं की जानकारी भी होगी।
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