लैंड डिजिटाइजेशन में प्रदेश में जबर्दस्त काम हो रहा है. यही कारण है कि प्रदेश लगातार 2 साल से नंबर वन बना हुआ है. नेशनल काउंसिल ऑफ एंप्लॉइड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के भूमि रिकॉर्ड और सेवाओं के सूचकांक 2020-21 में मध्यप्रदेश सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला राज्य रहा है.
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इस सूचकांक को तैयार करने में जमीन के रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन और इसके रिकॉर्ड की गुणवत्ता देखी गई. नेशनल लैंड रिकॉर्ड एंड सर्विस इंडेक्स में मध्यप्रदेश को पहला स्थान है. सर्वे में 74.9 इंडेक्स स्कोर है. गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में ही मध्य प्रदेश को डिजिटाइजेशन के मामले में देश में नंबर वन होने का तमगा दिया है.
इसमें मध्य प्रदेश में लैंड डिजिटाइजेशन और स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन को आधार मानकर देश में नंबर वन करार दिया गया. तब मोदी ने एक लाख 71 हजार हितग्राहियों को सिंगल क्लिक के जरिए स्वामित्व योजना में ई-दस्तावेज सौंपे थे. इस योजना में 22 लाख से ज्यादा परिवारों के प्रॉपर्टी रिकॉर्ड तैयार हो चुके हैं. एक क्लिक मेें रिकार्ड मिल जाने की सुविधा से लोगों ने प्रसन्नता जताई है.
प्रदेश के राजस्व विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बताते हैं कि सभी गांव के जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटली बदल रहे हैं. जो रिकॉर्ड बचे हैं वे जल्द पूरे होंगे. पुराने रिकॉर्ड को भी डिजिटल किया जा रहा है.