पहली बार नहीं इस तरह का काम – स्मार्टसिटी एबीडी प्रोजेक्ट के वार्ड 31 में ही एक साल पहले निगम के जलकार्य इंजीनियरों ने नई लाइन बिछा दी थी। यहां डामरीकरण भी हुआ था, जबकि बुलेवार्ड स्ट्रीट और अन्य डेवलपमेंट काम शुरू करने यहां स्मार्टसिटी तोड़ रही थी। निर्माण के छह माह बाद ही नई लाइन और सडक़ तोड़ दी गई थी।
– जवाहर चौक के पास ही निगम के सिटी इंजीनियर प्रोजेक्ट ओपी भारद्वाज ने कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनवा दिया था। शहर के दस ट्रांसफर स्टेशनों में से ये एक था, जबकि यहां स्मार्टसिटी का अपना अलग प्लान है। अब ये स्टेशन टूटने वाला है।
– जवाहर चौक के पास ही निगम के सिटी इंजीनियर प्रोजेक्ट ओपी भारद्वाज ने कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनवा दिया था। शहर के दस ट्रांसफर स्टेशनों में से ये एक था, जबकि यहां स्मार्टसिटी का अपना अलग प्लान है। अब ये स्टेशन टूटने वाला है।
…और यहां के लोग लंबे समय से विकास के इंतजार में खंडहर मकानों के बीच हॉकर्स कॉर्नर बनाने में जिस तेजी से काम किया गया, उतनी तेजी जोन छह के इंजीनियर जोन के अन्य क्षेत्रों में नहीं दिखाते। यहां नेहरू नगर चौराहा का डेवलपमेंट भाजपा के ठेकेदार नेता को देने के बाद भूल गए। बीते करीब सवा साल से काम चल रहा है। हाल में पत्रिका ने प्रकाशित किया तो काम की गति बढ़ी। इसी तरह नेहरू नगर, कोटरा, चित्रगुप्त नगर, वैशाली नगर में 22 काम शुरू होने की पेंडेंसी में है, लेकिन शुरू नहीं किए जा रहे।
सीधी बात- क्षेत्रीय इंजीनियर, प्रदीप विंण्डैया सवाल- स्मार्टसिटी एरिया में आप क्या निर्माण करा रहे हैं?
जवाब- वहां हॉकर्स कॉर्नर बनवाया है, लेकिन वह तो दस दिन पहले ही काम हो गया।
जवाब- वहां हॉकर्स कॉर्नर बनवाया है, लेकिन वह तो दस दिन पहले ही काम हो गया।
सवाल- जब आपको पता है कि यहां स्मार्टसिटी अपने प्रोजेक्ट के लिए तोडफ़ोड़ कर रही है तो नौ लाख का काम कराने की क्या जरूरत थी?
जवाब- इसपर मैं नहीं बोल सकता। पहले का प्रस्ताव था, इसलिए काम करा दिया।
जवाब- इसपर मैं नहीं बोल सकता। पहले का प्रस्ताव था, इसलिए काम करा दिया।
सवाल- यानी आप देखते तक नहीं कि काम कराने लायक है भी कि नहीं, जनता का पैसा खर्च हुआ उसका क्या?
जवाब- वो मैं नहीं कह सकता। निगमायुक्त को शिकायत, दिखाने का दावा
जवाब- वो मैं नहीं कह सकता। निगमायुक्त को शिकायत, दिखाने का दावा
निगमायुक्त अविनाश लवानिया तक शिकायत पहुंची है। लवानिया ने इस दिखवाने की बात कही है। गौरतलब है कि वार्ड 27 में बने-बनाए कामों के फिर से टेंडर जारी करने के साथ ही आचार संहिता में क्षेत्रीय पार्षद के लेटरहेड पर आए निर्देशों के तहत काम करने के आरोप भी जोन के छह अफसरों और इंजीनियरों पर रहे हैं।