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इस साल नहीं बने नए लाइसेंस फिर भी राजधानी में पटाखा दुकानों की भरमार

locationभोपालPublished: Nov 05, 2018 07:20:14 pm

Submitted by:

Rohit verma

843 पुराने पटाखा व्यापारी को ही मिली पूर्व निर्धारत स्थानों पर दुकानें खोलने की परमिशन

patakha bazar

इस साल नहीं बने नए लाइसेंस फिर भी राजधानी में पटाखा दुकानों की भरमार

भोपाल. शहर के अलग-अलग करीब दस क्षेत्रों में शासन ने फुटकर 50 केजी तक बारूद की क्षमता वाले पटाखों को बेचने के लिए व्यापारियों को परमिशन जारी कर दिया है। शनिवार से लोगों ने बाजार भी लगाना शुरू कर दिया है। राजधानी में थोक सेमी थोक, फुटकर लाइसेंसधारी पटाखा व्यापारियों के अलावा भी अवैध रूप से बाजार में करीब तीन हजार पटाखे की दुकानें खुल गई हैं।

इसमें 843 दुकानें शहर के दस क्षेत्र में में दी गई परमिशन के अनुसार खुलने लगी हैं। जबकि शासन ने इस साल नया लाइसेंस किसी को पटाखे की दुकान लगाने के लिए नहीं दिया है। थोक, सेमी थोक व फुटकर व्यापारियों की मानें तो भले ही चुनाव आचार संहिता के चलते प्रशासन कितनी भी सख्ती कर ले, इन चार दिनों में दस करोड़ से अधिक पटाखे की बिक्री होने की संभावना है।

 

जोन स्तर पर टीम गठित
बाजार में नियम व अवैध रूप से पटाखे बेचने वालों सहित सभी पर नगर निगम जोन स्तर पर नजर रखने और कार्रवाई करने के लिए निगमायुक्त ने टीम गठित की है। सभी टीमें शासन की ओर से सभी सातों क्षेत्रों के एसडीएम के नेतृत्व में काम करेंगी।

जो मानक से अधिक डेसीबल और ज्यादा धुंआ करने वाले पटाखों की दुकानों पर जांच करने के साथ ही बाजार में अवैध रूप से लगी पटाखा दुकानों पर जब्ती की कार्रवाई भी करेंगी।

फुटकर पटाखे की दुकानें लाटरी से आवंटित की गई जगह, लाइसेंस रिन्यू फीस, सुरक्षा मापदंड की शर्तो के अनुसार ही सीमित दिनों की लिए खोली जाती हैं। अवैध रूप से सार्वजनिक स्थानों पर खुली दुकानों की गलती का हर्जाना सभी भुगतते हैं।
सुरेश साहू, कोषाध्यक्ष, फुटकर पटाखा एसोसिएशन, भोपाल

इस बार जोन स्तर पर जांच टीम बनाई है, जो दुकानों व निर्धारित मापदंड की जांच करेंगे। साथ ही अवैध रूप से बाजार में लगने वाली दुकानों पर ही कार्रवाई भी करेंगे।
रणबीर सिंह, अपर आयुक्त नगर निगम

परंपरागत दुकानें पुराने स्थानों पर ही खुली हंै। उनके स्थान, दुकानों की संख्या आदि लाइसेंस रिन्यू हुए रिकॉर्ड के अनुसार हैं। नया लाइसेंस किसी को नहीं दिए हैं। आचार संहिता व सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन की जानकारी दी जा चुकी है।
संतोष कुमार वर्मा, एडीएम

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