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न्यू मार्केट: ये कैसा नो-व्हीकल, नो-हॉकर्स जोन, 400 से अधिक अवैध दुकानें, 200 से अधिक वाहन अंदर ही

locationभोपालPublished: Feb 28, 2020 01:12:23 pm

– 13 साल पुरानी कवायद, लाखों खर्च, नतीजा सिफर

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भोपाल . न्यू मार्केट में एक बार फिर से नो व्हीकल, नो हॉकर्स जोन की कवायद शुरू हुई है। कई बार इसके प्रयास हो चुके, लेकिन ये कारगर नहीं हुए। आज स्थिति ये हैं कि लोगों की सुविधा के लिए नो-हॉकर्स, नो-व्हीकल जोन घोषित न्यू मार्केट में इस समय 400 से अधिक अवैध दुकानें और 200 सेअधिक वाहन हैं।
कार्रवाई के लिए यदि निगम का अमला पहुंचता है तो उसे डराकर भगा दिया जाता है। त्यौहारों में ये स्थिति बढ़ जाती है। ऐसे में शहरवासी निगम प्रशासन से एक ही सवाल पूछत रहे हैं ये कैसा नो हॉकर्स, नो व्हीकल जोन है? अभी स्थिति ये हैं कि लोगों के चलने के रास्तों, फुटपाथ, पार्किंग यहां तक कि मंदिर और अन्य स्थायी दुकानों के ओटले और गेट तक पर कब्जा कर लिया।
स्थायी दुकानदार निगम प्रशासन को लगातार फोन कर रहे हैं, कुछ कार्रवाई करें, लेकिन कुछ नहीं किया जा रहा। 400 वर्गफीट से 600 वर्गफीट तक की लंबी चौड़ी दुकानें लगाकर न्यू मार्केट में बैठक कर ली गई है। इतना ही नहीं, इन दुकानदारों के 100 से अधिक वाहन भी बाजार के भीतर ही है।
ऐसे मे स्थिति ये हैं कि लोगों को यहां निकलने और खरीदारी करने तक की जगह नहीं मिल रही। 13 साल से कोशिश, लेकिन नतीजा कुछ नहींन्यू मार्केट में नो व्हीकल, नो हॉकर्स व्यवस्था लागू करने 13 साल में कोशिश की जा रही। 2006 में इसे नो व्हीकल, नो हॉकर्स जोन घोषित किया था।
इसे लागू कराने बीते एक साल से इसमें तेजी आई। जिला प्रशासन से लेकर निगम प्रशासन के अफसर सक्रिय हुए। लोगों को लग रहा था कि अब न्यू मार्केट में खरीदारी सुकूनभरी रहेगी। लेकिन एक बार फिर से निगम प्रशासन व्यवस्थाओं को लागू नहीं करा पाया। रक्षाबंधन के पहले पूरा न्यू मार्केट अस्थायी और अवैध दुकानों से भर गया है।
इन अस्थायी और अवैध दुकानदारों की इतनी हिम्मत कि रविवार को कार्रवाई करने पहुंची निगम प्रशासन की टीम से विवाद कर उसे बिना पुख्ता कार्रवाई लौटा दिया। जून 2018 से सख्ती बढ़ी, 20 बैठकें, 70 कार्रवाई, नतीजा कुछ नहींजून 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने न्यू मार्केट मल्टीलेवल पार्किंग का उद्घाटन किया था तब से ही न्यू मार्केट को फिर से नो-हॉकर्स, नो-व्हीकल जोन बनाने की नई कवायद शुरू हुई।
इस पूरे मामले पर एक माह पहले तक कलेक्टर, निगमायुक्त से लेकर अन्य स्तरों में 20 बैठकें हुई। बाजार के भीतर इस दौरान 70 कार्रवाईयां की गई। अभी दो माह पहले तो प्रशासन बेहद सख्त हुआ। लेकिन राजनीतिक पेंच फंसने से कार्रवाई रोकी और आज फिर से 13 साल पुरानी स्थिति में न्यू मार्केट खड़ा है।
ये दिक् कतअवैध दुकानों से ग्राहकों को खरीदारी करने व्यवस्थित बाजार नहीं मिलता। महिलाओं से छेड़छोड़ की घटनाएं बढऩे और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा अधिक हो जाता है। बाजार में प्रवेश से लेकर दुकानों पर घुमने के लिए रास्ता ही नहीं मिलता। स्थायी दुकानों के सामने रास्ते पर अवैध हॉकर्स से ग्राहकी खत्म होती।
स्थायी दुकानदार और अवैध दुकानदार के बीच झगड़ा और मारपीट की घटनाएं।

न पीली पट्टी में रूके व्यापारी, न लद्दाख की गलियां बनी

– व्यापारियों की दुकानों के आगे पीली पट्टी बनाई, हद में रहने का कहा गया, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा
– वाहनों को बाजार के भीतर आने से मनाही, मल्टीलेवल में रखने के निर्देश, लेकिन एक समय में 200 से अधिक वाहन बाजार में

– बाजार के भीतर अवैध हॉकर्स को पूरी तरह इंकार, लेकिन यहां 400 से अधिक हॉकर्स बैठ गए
– मल्टीलेवल पार्किंग में सभी व्यापारियों को वाहन खड़े करने थे, लेकिन 30 फीसदी अब भी बाजार के अंदर और आसपास वाहन रख रहे

– स्मार्टसिटी के माध्यम से यहां लद्दाख के बाजारों की तर्ज पर लाइन विकसित करने का दावा था, एक गली के बाद वह फैल हो गया।
बाजार को नो हॉकर्स जोन बनाना चाहिए। हमने प्रशासन से कार्रवाई के लिए कहा है।
– सतीश गंगराडे, अध्यक्ष न्यू मार्केट व्यापारी एसोसिएशन

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