प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने एक सितंबर 2019 से संशोधन अधिनियम के 63 प्रावधानों को लागू किया है। इसमें ड्राइविंग लायसेंस कहीं से भी बनवाने की छूट दी गई है। इसके लिए जहां से ड्राइविंग लायसेंस बनवाना है, वहां जिले में आवेदन करना होगा। इसके अलावा नवीनीकरण में भी यही प्रक्रिया रहेगी।
नए नियमों के तहत प्रदेश में अब ड्राइविंग लायसेंस पांच साल के लिए बनाया जाएगा। पांच साल बाद लायसेंस का नवीनीकरण कराना होगा। यह नवीनीकरण समयावधि खत्म होने के एक साल पहले और एक साल बाद तक आवेदन करने पर होगा। इसमें समयावधि खत्म होने के बाद किए गए आवेदन में नवीनीकरण की तारीख से अगला नवीनीकरण माना जाएगा। एक साल बाद तक के पीरियड में आवेदन करने की स्थिति में ड्राइविंग टेस्ट वापस देना होगा।
अब पढ़ा-लिखा होना जरूरी नहीं
ड्राइविंग लायसेंस के लिए शैक्षणिक योग्यता को लेकर अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है। अब अनपढ़ व्यक्ति भी ड्राइविंग लायसेंस बनवा सकेगा। अभी तक ड्राइविंग लायसेंस बनवाने के लिए न्यूनतम आठवीं पास होना अनिवार्य था।
ये भी महत्वपूर्ण नए नियम
-खतरनाक श्रेणी के माल परिवहन वाले वाहनों का लायसेंस तीन साल के लिए रहेगा। फिर नवीनीकरण कराना होगा।
-आयु वर्ग के आधार पर होने वाले लायसेंस में आयु सीमा बढ़ाई गई है। इसमें 30 वर्ष से कम उम्र के लिए लायसेंस जारी होने या नवीनीकरण की तारीख से 40 वर्ष उम्र के लिए लायसेंस रहेगा।
– 30 से 50 वर्ष तक उम्र के लिए लायसेंस जारी या नवीनीकरण की तारीख से दस साल के लिए रहेगा।
– 50 वर्ष से 55 वर्ष तक उम्र के लिए लायसेंस जारी या नवीनीकरण की तारीख से 60 वर्ष की उम्र तक रहेगा।
– 55 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के लिए लायसेंस जारी या नवीनीकरण की तारीख से 5 वर्ष की अवधि तक होगा।
– वाहन के रजिस्ट्रेशन में नया पता जुड़वाने के लिए यदि नया पता मध्यप्रदेश का ही है तो तीस दिन में पता परिवतन की सूचना देना होगी।
– यदि वाहन स्वामी दूसरे राज्य में है, तो वहां के पंजीयन अधिकारी को तीस दिन के भीतर पता परिवर्तन की सूचना देना होगी। ऐसा न करने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
– किसी किशोर के किसी अपराध में वाहन उपयोग पर वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए रद्द किया जा सकेगा। एक साल की अवधि खत्म होने के बाद वाहन स्वामी वापस पंजीयन के लिए आवेदन कर सकेगा।