मौजूदा हालात में अस्पताल के अधिकतर विभाग जूनियर रेसीडेंस के हवाले हैं। जिन विभागों में कंसलटेंट हैं वहां भी ऑपेशन नहीं हो पा रहे हैं। दरअसल एनेस्थीसिया विभाग में डॉक्टरों की कमी के चलते सप्ताह में सिर्फ दो ऑपरेशन हो रहे हैं। यहां चार विशेषज्ञ हैं, जबकि अलग-अलग डिपार्टमेंट में हर दिन कई सर्जरी होती हैं। यूरोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन, ऑप्थेलमोलॉजी, सीटीवीएस, जीआई सर्जरी, न्यूरो सर्जरी सहित अन्य विभागों में भी विशेषज्ञ नहीं होने से कई गैस पीडि़त इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जा रहे हैं।
यूरोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन, ऑप्थेलमोलॉजी, सीटीवीएस, जीआई सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, नेफ्र ोलॉजी, निश्चेतना, जीआई मेडिसिन, पेथोलॉजी, रेडियोलॉजी, माइक्रोबायलॉजी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, न्यूोरोलॉजी, साइकेट्री, सर्जिकल ऑंकोलॉजी। कब कब निकले आवेदन
07 नवंबर 18 – लैब टेक्निशियन
09 जून 18 – कंसलटेंट मेडिकल 10 अप्रैल 18 – रेडियोलॉजिस्ट
10 अप्रैल 18 – सीनियर रेसीडेंस 24 फरवरी 18 – सीनियर रेसीडेंस
13 फरवरी 18 – कंसलटेंट 02 फरवरी 18 – रेडियोलॉजिस्ट
– एक दर्जन से ज्यादा विभागों में एक भी विशेषज्ञ नहीं – लगभग सभी उपकरण हुए पुराने, बार बार खराब होते हैं
– नए फैकल्टी नहीं ले रहे आने में रुचि
– फैकल्टी वेतन विसंगती से परेशान