इस संबंध में सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार विधानसभा सत्र के ठीक बाद ही संविदाकर्मियों को ये बड़ी सौगात दे सकती है। इसी दौरान सरकार इन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह वेतनभत्ते व सुविधाएं देने का बड़ा निर्णय कर सकती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि संविदा व्यवस्था अन्यायपूर्ण है। दस-पंद्रह साल तक सेवा करने के बाद भी इन पर अनिश्चितता की तलवार लटकी रहती है। यह व्यवस्था खत्म होनी चाहिए।
सीएम हाउस में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही। गौरतलब है कि प्रदेश में कई विभागों और परियोजनाओं में संविदा पदों पर कर्मचारी 10-15 साल से कार्यरत हैं। पिछले कई सालों से ये नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ समेत संविदा संयुक्त मंच, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ इनके अलग-अलग संगठन पिछले सात साल में 70 से ज्यादा छोटे-बड़े आंदोलन भी कर चुके हैं।
इस समय से मिलेंगे नए वेतनभत्ते!…
माना जा रहा है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के बाद अप्रैल 2018 यानि नए वित्तीय वर्ष से इन्हें नया वेतनभत्ता/ सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएगा। इन्हें रेगुलर करने के लिए मार्च में ही सीएम हाउस में सीएम की संविदाकर्मचारियों से मीटिंग होगी। जिसके बाद सूत्रों के अनुसार इन्हें रेगुलर करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। यानि मई में नए वेतनभत्ते के अनुसार सुविधाएं मिलेंगी।
माना जा रहा है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के बाद अप्रैल 2018 यानि नए वित्तीय वर्ष से इन्हें नया वेतनभत्ता/ सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएगा। इन्हें रेगुलर करने के लिए मार्च में ही सीएम हाउस में सीएम की संविदाकर्मचारियों से मीटिंग होगी। जिसके बाद सूत्रों के अनुसार इन्हें रेगुलर करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। यानि मई में नए वेतनभत्ते के अनुसार सुविधाएं मिलेंगी।
इस मसौदे पर होगा अमल!…
राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा ने संविदा कर्मचारियों के लिए मसौदा बनाकर शासन को भेजा था। इसमें संविदा नियुक्ति नियम 2017 में बदलाव करने का जिक्र किया गया है। 28 सितंबर 2017 के राजपत्र में ये नियम प्रकाशित किए गए थे।
राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा ने संविदा कर्मचारियों के लिए मसौदा बनाकर शासन को भेजा था। इसमें संविदा नियुक्ति नियम 2017 में बदलाव करने का जिक्र किया गया है। 28 सितंबर 2017 के राजपत्र में ये नियम प्रकाशित किए गए थे।
समिति ने विभागों में खाली पड़े पदों पर भी इनके संविलियन का एक विकल्प का प्रस्ताव रखा है। संभावना है कि सरकार इसी मसौदे पर अमल कर सकती है। पिछले पांच महीने में इन संगठनों के ज्ञापन मिलने के बाद चेयरमैन ने सीएम से तीन दौर की बातचीत भी की है।
सीएम ने दस मार्च को महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर समेत पदाधिकारियों को बुलाकर बात भी की थी। पिछले हफ्ते वित्त विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में बैठक भी बुलाई थी। तबसे जीएडी और वित्त विभाग में इसकी कवायद भी चल रही है।
ये सुविधाएं मिल सकती हैं इन्हें…
सूत्र बताते हैं कि नियमित कर्मचारियों की तरह अर्जित अवकाश,आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश,एचआरए,महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश की सुविधा दी जा सकती है। आंगनवाड़ी, होमगार्ड जवानों को भी तोहफा…
सरकार होमगार्ड जवानों,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं,सहायिकाओं के लिए भी वेतन बढ़ाने संबंधी फैसला कर सकती है। जबकि अतिथि शिक्षकों और विद्वानों के लिए भी राज्य सरकार निर्णय कर सकती है।
सूत्र बताते हैं कि नियमित कर्मचारियों की तरह अर्जित अवकाश,आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश,एचआरए,महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश की सुविधा दी जा सकती है। आंगनवाड़ी, होमगार्ड जवानों को भी तोहफा…
सरकार होमगार्ड जवानों,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं,सहायिकाओं के लिए भी वेतन बढ़ाने संबंधी फैसला कर सकती है। जबकि अतिथि शिक्षकों और विद्वानों के लिए भी राज्य सरकार निर्णय कर सकती है।