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जिला अस्पतालों में तीन महीने प्रेक्टिस के बाद ही मिलेगी डॉक्टरों को पीजी डिग्री

locationभोपालPublished: Nov 13, 2019 02:04:19 pm

डॉक्टरों की कमी दूर करने एमसीआई का नया नियम

HEALTH: मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टरों से मांगा स्पष्टीकरण, जानें वजह

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भोपाल/ मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने मप्र सहित देश में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए नए नियम को लागू करने का फैसला किया है। अब पीजी डॉक्टरों के कोर्स में जिला अस्पतालों में तीन माह की इंटर्नशिप भी जोड़ी जाएगी। मसलन पीजी करने के बाद डॉक्टरों को तीन महीने तक जिला अस्पतालों में सेवाएं देनी होगी। इसके बाद ही उनकी पीजी डिग्री को मान्यता मिलेगी। एमसीआई से मिली जानकारी के मुताबिक अगले सत्र से निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए यह व्यवस्था लागू हो सकती है।

मालूम हो कि मप्र के सरकारी अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। यहां जरूरत के आधे चिकित्सक भी नहीं है। एेसे में नए नियम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि अगर एमसीआई को इसमे सफलता मिलती है तो आगे चलकर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी पीजी डॉक्टरों को 3 से 6 महीने के लिए पदस्थ किया जाएगा।

यह होगा फायदा
इस नियम से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सरकारी अस्पतालों को विशेषज्ञ चिकित्सक मिल सकेंगे। यही नहीं यहां इलाज के साथ जटिल ऑपरेशन की संख्या में भी इजाफा होगा। अगर एेसा होता है तो मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों से भी बोझ कम होगा।

एक तिहाई डॉक्टर ही मिल पा रहे हैं

– 2010 में मेडिकल ऑफि ससर्स के 1090 पदों के विरुद्ध 570 डॉक्टर ही मिले थे। इसमें से भी 200 डॉक्टर नौकरी छोड़ गए।
– 2013 में 1416 पदों पर भर्ती पर 65 डॉक्टरों का चयन, करीब 200 आए ही नहीं, उतने बाद में नौकरी छोड़ गए।

– 2015 में 1271 पदों में 874 डॉक्टर मिले हैं। इनमें भी 218 डॉक्टरों ने ज्वाइन नहीं किया। कुछ ने नौकरी छोड़ दी।
– 2015 में ही 1871 पदों के लिए भतीज़् शुरू हुई थी लेकिन बाद में अटक गई।

– माचज़् 2017 में साक्षात्कार के बाद रिजल्ट जारी किए गए। इसमें करीब 800 डॉक्टर मिल पाए हैं।
– 2018 में भी 1254 पदों के पर सिर्फ 865 ही मिले इसमें से 320 छोड़ गए।

– अक्टूबर 2019 में भी 1165 पदों के लिए 547 केंडिडेट की लिस्ट भेजी गई। इसमें से भी सिर्फ ४१६ आए।

आंकड़े

प्रदेश के छह सरकारी कॉलेजों में एमडी-एमएस की सीटें- 693

प्रदेश के निजी कॉलेजों में पीजी सीटें- 307
प्रदेश में जिला अस्पताल- 51

एक समय पर पीजी करने वाले कुल छात्र- 3 हजार

प्रदेश में डॉक्टरों की स्थिति

पदनाम स्वीकृत पदस्थ
विशेषज्ञ 3620 882

चिकित्सा अधिकारी 5097 3631

तीन महीने के लिए पीजी छात्र अगर जिला अस्पताल में काम करेंगे तो अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर होगी। वहीं डॉक्टर भी इलाज की परिस्थितियों से वाकिफ हो जाएंगे। – डॉ. वीके पॉल, चेयरमैन, बीओजी (एमसीआई)

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